कर्नाटक में हिजाब पर प्रतिबंध मामले में हिजाब को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है लेकिन फैसला दोनों जजों का अलग-अलग है। इस मामले में अभी जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच सुनवाई कर रही थी, दोनों जजों की राय अलग-अलग रही। अब ऐसे में हिजाब पर फैसला बड़ी बेंच करेगी। 3 जजों की बेंच होगी या 5 जजों की बेंच, इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की ओर से किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला
31 दिसंबर 2021 से कर्नाटक में हिजाब विवाद मामला शुरू हुई, तब उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहनकर आईं 6 छात्राओं को क्लास में आने से रोक दिया गया था। जिसके बाद कॉलेज के बाहर प्रदर्शन शुरू हो गया। जिसके बाद कर्नाटक के ही कई अलग अलग जगहों पर हिजाब को लेकर प्रदर्शन करने लगे। इस बिच मुस्लिम छात्राएं जहां हिजाब पहनकर क्लास में जाने की जिद करने लगे वहीं इसके जवाब में हिंदू छात्र भगवा गमछा पहनकर कॉलेज जाने लगे।
हाईकोर्ट ने क्या दिया था फैसला?
हिजाब मामले को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने 11 दिनों की लंबी सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया, इस फैसले में साफ किया गया कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य नहीं है। ये इस्लामिक परंपरा का हिस्सा नहीं है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने ये कहा था कि किसी भी शैक्षणिक संस्थानों में यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य करना ठीक है। छात्रों को इससे इनकार नहीं कर सकते। जिसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था. इतना ही नहीं कोर्ट ने सरकार को आदेश जारी करने का अधिकार भी दिया।