JPSC का विवादो के साथ चोली दामन का रिश्ता रहा है , पहली jpsc से लेकर 7वीं से 10वीं
JPSC परीक्षा सभी विवादों से घिरी रही है।। ज्ञात्वय है कि 7वीं से 10वीं सिविल सेवा परीक्षा- 2021 का फाइनल रिजल्ट 31मई 2022 को जारी कर 250 दिनों में परीक्षा की पूरी प्रक्रिया पूरी कर ली गई और आनन फानन में 252 सीटों पर नियुक्ति दे दी गई ।।पहली बार jpsc के इतिहास में बिना “कट ऑफ मार्क्स “और “मार्कशीट” जारी किए हुए सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति अपनी ही नियमावली का “गला घोंट” कर आयोग द्वारा कर दी गई , और इसे ऐतिहासिक बताने का दावा आयोग द्वारा किया जाता रहा है , साथ ही सरकार ने भी इस बाबत अपनी पीठ थपथपाई है।। किंतु फाइनल रिजल्ट जारी होने के बाद आज 4 माह से अधिक गुजर चुके हैं बावजूद आयोग द्वारा सफल व असफल किसी भी अभ्यर्थी का कट ऑफ मार्क्स तथा मार्क्स सीट जारी नहीं किया गया जो निश्चय ही आयोग की पूरी प्रक्रिया पर एक बहुत बड़ा सवाल खड़ा करता है।। फाइनल रिजल्ट जारी होने के बाद से अब तक हजारों हजार अभ्यर्थी , कट ऑफ मार्क्स,मार्कशीट व अपनी उत्तर पुस्तिका का अवलोकन करने हेतु RTI कर चुके हैं।। किंतु बार-बार आयोग द्वारा केवल औपचारिकता पूरी करने के अलावा कुछ नहीं किया गया, JPSC द्वारा अभ्यर्थियों को आयोग के कार्यालय में केवल बुला बुला कर परेशान किया गया और खबर लिखे जाने तक कोई भी संतोष प्रद जवाब नहीं दिया गया।
JPSC द्वारा बार-बार अभ्यर्थियों को यह कह कर टाला गया कि JPSC की अध्यक्ष का पद अभी रिक्त है अध्यक्ष के आ जाने के बाद आयोग पहले “कट ऑफ मार्क्स” और “मार्कशीट” नेट पर जारी करें गि फिर अभ्यर्थियों को अपनी उत्तर पुस्तिका के अवलोकन करने का समय देगी।
विगत 11 अक्टूबर मंगलवार को प्रथम अपीलीय RTI के हवाले से कई अभ्यर्थियों को JPSC अपने कार्यालय बुलाई किंतु वही ढांक के तीन पात अभ्यर्थियों को कोई भी संतोष प्रद जानकारी नहीं दी गई, बड़ी कोशिश के बाद अभ्यर्थी गुण JPSC के सचिव हिमांशु मोहन से एक शिष्टाचार मुलाकात की और उनसे यह जानने का प्रयास किया कि JPSC के 15 जनवरी 2015 के कार्यालय आदेश (संख्या 2/परी-jpsc -4/2014/137) के अनुसार आवेदन रद्द करने के कारण और सफल असफल परीक्षार्थियों को मिले नंबरों को सार्वजनिक करने का प्रावधान है लेकिन JPSC ने अपने ही नियमों का उल्लंघन करते हुए 4 माह बीत जाने के बाद भी सफल परीक्षार्थियों का ना तो “कट ऑफ मार्क्स” जारी किया ना तो “मार्कशीट” इतना ही नहीं आयोग नियुक्ति के लिए भेजी गई अनुशंसा में सरकार को भी सफल उम्मीदवारों को मिली नंबर की जानकारी नहीं दी है ।। अभ्यर्थियों ने सवाल किया कि इससे पहले तक की परीक्षाओं में हमेशा रिजल्ट कि साथ “कट ऑफ मार्क्स” जारी किया जाता रहा है ,साथ ही रिजल्ट के तीन- चार दिनों के अंदर सभी सफल- असफल उम्मीदवारों को मिले नंबरो(मार्कसीट) को वेबसाइट पर अपलोड किया जाता रहा है ,यही नहीं सफल असफल सभी अभ्यर्थियों को उनकी “मुख्य परीक्षा”की उत्तर पुस्तिका का अवलोकन भी करवाया जाता रहा है ,किंतु इस बार चार माह से अधिक समय बीत चुके हैं सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति भी हो चुकी है बावजूद आयोग ने न तो “कट आफ मार्क्स” और ना ही मार्कशीट जारी किया जो कि संपूर्ण नियुक्ति प्रक्रिया में एक बहुत बड़ी धांधली की ओर इशारा करती है ।।अभ्यर्थियों के सवालों पर कोई भी संतोष प्रद उत्तर सचिव द्वारा नहीं दिया गया, केवल उन्होंने इतना कहां की आपकी मांगें बिल्कुल जायज है, मैंने आयोग को इस बाबत कहा है कि जल्द-से-जल्द आयोग कट ऑफ मार्क्स और मार्कसीट जारी करें।। अभ्यर्थियों ने इस पर सचिव से यह जवाब मांगा कि आप कोई निश्चित तारीख दें,कि कब तक आयोग “कट आफ मार्क्स”और “मार्कशीट” जारी करेगी! इस पर सचिव ने कोई भी संतोष प्रद जवाब नहीं दिया और कहा कि इसके लिए चेयरमैन साहब और आयोग के सदस्यों से आप लोग मिल लें ।
साथ ही सचिव ने इस बात की और संकेत भी किया कि अध्यक्ष महोदया थोड़ी घबराई हुई है क्योंकि उन्होंने अभी-अभी ज्वाइन किया है, वह “कट ऑफ मार्क्स “और “मार्कशीट “तो देना चाहती हैं किंतु jpsc के दो मेंबर उन्हें ऐसा करने से रोक रहे हैं हालांकि उन्होंने किसी का नाम लेने से परहेज किया।
जब अभ्यर्थी गंण JPSC अध्यक्ष से मिलने पहुंचे तो उनके P.A ने उन्हें रोक दिया कहा कि अभी A.E का इंटरव्यू चल रहा है इंटरव्यू 4 बजे तक चलेगा आप लोग उसके बाद मिलिएगा तब तक गेट पर इंतजार कीजिए. अभ्यर्थी गण संध्या तक इंतजार करते रहे बुलावा नहीं आने पर स्वयं चेयरमैन के ऑफिस तक पहुंचे और पुष्प गुच्छ भेंट कर एक शिष्टाचार मुलाकात की आग्रह की, किंतु चेयरमैन “नीलिमा केरकेट्टा” अपने PA के द्वारा यह कहलवाया कि जाओ अभ्यर्थी गणों से कह दो कि यह पब्लिक ऑफिस नहीं है मैं यहां किसी से नहीं मिल सकती।। यदि मिलूंगी भी तो 17 अक्टूबर के बाद ।। अभ्यर्थी गण के बहुत आग्रह करने पर भी कोई लाभ नहीं हुआ।। मीडिया से बात करते हुए अभ्यर्थीयों ने आप बीती व्यथा सुनाई और JPSC पर दुनिया की सबसे भ्रष्ट संस्था की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया, अभ्यर्थियों ने आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सभी अधिकारी नीचे से ऊपर तक मिले हुए हैं आयोग के अध्यक्ष -सदस्य व अधिकारी गण योग्यता का “गला घोंट” कर पैसा – पैरवी के प्रभाव में “बैक डोर” से अपने सगे-संबंधियों, दलालों , एजेंटों को फायदा पहुंचाया है।। अभ्यर्थियों का कहना था कि 7वीं से 10वीं jpscफाइनल रिजल्ट कॉ मेरीट लिस्ट पूरा गलत है गड़बड़ है इसमें भारी अनियमितता है पैसा खाकर कई गलत लोगों का चयन किया गया है,आयोग के पास कोई “कट ऑफ मार्क्स” और “मार्कशीट”अभी तक नहीं है, आयोग अभ्यर्थियों को गुमराह कर रही है वह जानबूझकर टाल मटोल कर रही है ताकि 11वीं JPSC लाकर इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में समय के साथ डाला जा सकें, अभ्यर्थियों ने कहा यदि नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह साफ सुथरी पारदर्शी होती तो अन्य आयोग की भांति ही JPSC फाइनल रिजल्ट के साथ ही “कट ऑफ मार्क्स” और “मार्कशीट” जारी करती, किंतु पूरी नियुक्ति प्रक्रिया ही गड़बड़ है, अभ्यर्थियों ने इस पूरी नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द कर cbi जांच की मांग की है ।। और नियुक्त हुए अभ्यर्थियों की अनुशंसा को रद्द करने की मांग की हैं।