अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनता जा रहा केजरीवाल की गिरफ्तारी, अमेरिका ने  फिर की बयानबाजी

नई दिल्ली: पहले जर्मनी और फिर अमेरिका ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर टिप्पणी की।  इसके बाद भारत ने दोनों देशों के राजनयिकों को तलब कर के आपत्ति दर्ज कराई और केजरीवाल की गिरफ़्तारी को अपना घरेलू मामला बताया।

अब अमेरिका ने अपने राजनयिक को तलब किए जाने पर भी प्रतिक्रिया दी है साथ ही कहा कि वह निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर क़ानूनी प्रक्रियाओं को अंजाम तक पहुँचाने का समर्थन करता है और उसे नहीं लगता कि इस पर “किसी को आपत्ति होनी चाहिए.”

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, “हम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी सहित इन कार्रवाइयों पर बारीकी से नजर रखना जारी रखेंगे.”

मैथ्यू मिलर विदेश मंत्रालय की प्रेस वार्ता के दौरान अरविंद केजरीवाल पर अमेरिका की टिप्पणी को लेकर भारत में मौजूद कार्यवाहक डिप्टी चीफ़ ऑफ़ मिशन ग्लोरिया बारबेना को तलब करने और कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को फ़्रीज़ किए जाने के बारे में पूछा गया था।

प्रवर्तन निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की आबकारी नीति में हुए कथित घोटाले से जुड़े केस में 21 मार्च को गिरफ़्तार किया था।

मैथ्यू मिलर ने कहा, “हम कांग्रेस पार्टी के आरोपों से भी अवगत हैं कि आयकर विभाग ने उनके कुछ बैंक खातों को फ़्रीज़ कर दिया है, जिससे कि आगामी चुनावों में प्रचार करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। हम इनमें से हर मुद्दे के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर क़ानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं.”

बीते सप्ताह ही सोनिया गांधी सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर के ये दावा किया था कि महज़ 14 लाख रुपये के टैक्स बकाये से जुड़े मामले में पार्टी के 285 करोड़ रुपये के फंड को रोक दिया गया है।

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