बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर को शनिवार दिनांक 30 मार्च 2024 को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति भवन में शनिवार को समारोह आयोजित किया जा रहा है। इस समारोह में 5 विभूतियों को भारत रत्न दिया जाएगा। इनमें बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर का भी नाम है। उनके बेटे सह जदयू सांसद रामनाथ ठाकुर इस सम्मान को प्राप्त करेंगे। कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत यह सम्मान दिया जा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व दोनों उपमुख्यमंत्री इस समारोह में उपस्थित रहेंगे।
जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती के एक दिन पहले 23 जनवरी, 2024 को उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किये जाने की घोषणा राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा की गयी थी। इस घोषणा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित पक्ष और विपक्ष के तमाम नेताओं ने कर्पूरी ठाकुर के योगदान को याद कर उनकी सराहना की थी।
शनिवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश के पांच विभूतियों को भारत रत्न से सम्मानित करेंगी। पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर का भारत रत्न सम्मान उनके पुत्र प्राप्त करेंगे। बिहार के लिए शनिवार का दिन बेहद ऐतिहासिक है। कर्पूरी ठाकुर की सादगी और समर्पण ही उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाता है।
कर्पूरी ठाकुर हमारे शासन का मॉडल
जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने की घोषणा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा था कि हमारे जीवन पर कई लोगों के व्यक्तित्व का प्रभाव रहता है। जिन लोगों से हम मिलते हैं, हम जिनके संपर्क में रहते हैं, उनकी बातों का प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। लेकिन कुछ ऐसे व्यक्ति भी होते हैं, जिनके बारे में सुनकर ही आप उनसे प्रभावित हो जाते हैं। मेरे लिए ऐसे ही रहे हैं, जननायक कर्पूरी ठाकुर। सामाजिक न्याय के लिए कर्पूरी बाबू ने जो प्रयास किए, उससे करोड़ों लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया। उनका संबंध नाई समाज, यानी समाज के अति पिछड़े वर्ग से था। जननायक कर्पूरी ठाकुर जी का पूरा जीवन सादगी और सामाजिक न्याय के लिए समर्पित रहा। हमारी सरकार निरंतर जननायक कर्पूरी ठाकुर जी से प्रेरणा लेते हुए काम कर रही है। यह हमारी नीतियों और योजनाओं में भी दिखाई देता है, जिससे देश भर में सकारात्मक बदलाव आया है। कर्पूरी जी के विजन से प्रेरित होकर हमने इसे एक प्रभावी गवर्नेंस मॉडल के रूप में लागू किया। मैं विश्वास और गर्व के साथ कह सकता हूं कि भारत के 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की उपलब्धि पर आज जननायक कर्पूरी जी जरूर गौरवान्वित होते।
जननायक बिहार के दो बार मुख्यमंत्री बने
- कर्पूरी ठाकुर को जननायक कहकर संबोधित किया जाता है। उनका जन्म समस्तीपुर जिले के पितौंझिया गांव में नाई समाज में 24 जनवरी 1924 को हुआ था।
- वह साल 1952 में पहली विधायक चुने जाने के बाद आजीवन वह किसी न किसी सदन के सदस्य रहे।
- 1970-79 के बीच बिहार के दो-दो बार मुख्यमंत्री और बाद में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे।
- अपने जीवनकाल में कर्पूरी ठाकुर के इतने अहम पदों पर रहने बावजूद उनके पास न तो घर था और ना ही कोई गाड़ी। यहां तक कि उनके पास अपनी पैतृक जमीन भी नहीं थे।
- राजनीति में ईमानदारी, सज्जनता एवं लोकप्रियता ने कर्पूरी को जननायक बना दिया था। कर्पूरी का निधन 64 वर्ष की उम्र में 17 फरवरी 1988 को हुआ था।
- कर्पूरी ने आजीवन कांग्रेस के विरुद्ध राजनीति की थी। आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी उन्हें गिरफ्तार करने में कामयाब नहीं हो पाई।
- कर्पूरी सर्वोच्च पद पर पिछड़े समाज के व्यक्ति को देखना चाहते थे। कर्पूरी राजनीति में परिवारवाद के प्रबल विरोधी थे।
- ठाकुन ने जीवित रहने तक उन्होंने अपने परिवार के किसी सदस्य को राजनीति में नहीं आने दिया।