नई दिल्ली : ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) ENPO नगालैंड के छह जिलों को मिलाकर एक अलग प्रशासन या राज्य की मांग कर रहा है। उसका कहना है कि जब तक उसकी मांग पूरी नहीं होती वह राज्य की एकमात्र लोकसभा सीट के चुनाव में हिस्सा नहीं लेने के अपने फैसले पर अड़ा रहेगा.गुरुवार को राज्य के 20 विधायकों और कई अन्य संस्थाओं के लोगों के साथ बैठक करने के बाद ENPO नेताओं ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वे 19 अप्रैल को होने वाले चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
विधानसभा चुनावों में भी मांग पर अड़ा था ईएनपीओ
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ईएनपीओ की मांग पर पिछले साल पूर्वोत्तर के सलाहकार ए.के. मिश्रा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। उनको नगा जनजातियों की मांगों को समझने के लिए कहा गया था। इस दौरान पैनल ने कई बार नगालैंड का दौरा कर सभी पक्षों से बात की थी। नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने हाल ही में कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही केंद्र से सिफारिश की है कि पूर्वी क्षेत्र के लोगों के लिए एक स्वायत्त क्षेत्र स्थापित किया जाए।
ईएनपीओ ने पहले ही सार्वजनिक आपातकाल का ऐलान करते हुए कहा था कि लोकसभा चुनाव का प्रचार करने की परमिशन किसी भी दल को नहीं दी जाएगी। ईएनपीओ आदिवासी निकायों और दूसरे संगठनों के साथ मिलकर नगालैंड के पूर्वी हिस्से के 6 जिलों को मिलाकर एक अलग राज्य की मांग कर रहा है।