एनटीपीसी के एमडीओ त्रिवेणी-सैनिक के निदेशकों पर गबन,धोखाधड़ी का परिवादवाद दायर

एसपी, डीआईजी और डीजीपी को दिया आवेदन,पुलिस रही मौन

हज़ारीबाग़: भारत सरकार की महारत्न कंपनी एनटीपीसी पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना के एमडीओ त्रिवेणी-सैनिक माईनिंग प्राइवेट लिमिटेड के परियोजना प्रमुख सहित निदेशकों, बी प्रभाकरण समेत अन्य पर 85 लाख रुपया के गबन, धोखाधड़ी का मामले में कैलाश साव के द्वारा कोर्ट परिवादवाद दायर किया गया,ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सृष्टि एक कुमारी की अदालत में अधिवक्ता पवन यादव और अनिरुद्ध कुमार द्वारा बहस सुनने के बाद कोर्ट ने मामले को एडमिट कर लिया है। इससे पूर्व डाडी ओपी में किया गया था,कार्रवाई नही किए जाने के बाद शिकायत जुगरा विस्थापन समिति के अध्यक्ष कैलाश साव द्वारा हज़ारीबाग़ एसपी,डीआईजी से की गई थी ।

85 लाख बकाया रकम में 23 लाख का चेक देकर धोखे से लिया वापस

शिकायत कर्ता कैलाश साव ने अपने कोर्ट परिवादवाद में कहा है कि वर्ष 2018 में जुगरा विस्थापन समिति के साथ त्रिवेणी-सैनिक माईनिंग प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट हेड के साथ एक एकरारनामा हुआ। जिसमें सड़क मार्ग से कोयला ट्रांसपोर्टेशन के लिए प्रदूषण के देखभाल हेतु पांच लाख रुपए प्रति महीना भुगतान करने की सहमति हुई थी। इसके बाद कंपनी ने वर्क ऑर्डर भी दिया था। कुछ महीनों तक राशि का भुगतान हुआ । उसके बाद काम भी लिया गया और भुगतान भी नही किया गया। त्रिवेणी सैनिक कंपनी की तरफ से दस लाख और तेरह लाख का चेक भुगतना भी दिया गया जो कैश नही हुआ। जिसकी शिकायत करने पर कंपनी ने दूसरा चेक देने के नाम पर पुराना चेक वापस ले लिया और अब तक भुगतान नही किया है।

एक विधायक के हस्तक्षेप के बाद भुगतान रुका

बताया जाता है कि एनटीपीसी को सड़क मार्ग से कोयला ट्रांसपोर्टेशन कई गांवों से होकर होता था। जिससे प्रदूषण फैलता था । जुगरा के ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। विरोध और कार्य बाधित होने पर त्रिवेणी-सैनिक माईनिंग प्राइवेट लिमिटेड ने ग्रामीणों के साथ समझौता किया और पांच लाख महीना देने का समझौता किया । बाद में प्रदूषण के नाम एक विधायक के हस्तक्षेप और सड़क से कोयला परिवहन में दखल देने के बाद जुगरा विस्थापित समिति का भुगतान कंपनी ने रोक दिया । बताया जाता है कि विधायक के हस्तक्षेप के कारण दूसरे विधायक का भी हित प्रभावित हुआ है।

प्रोजेक्ट हेड सहित इन निदेशकों को बनाया गया है आरोपी

त्रिवेणी सैनिक माईनिंग कंपनी के निदेशक, जिनके खिलाफ शिकायत किया गया है

जुगरा विस्थापन समिति के अध्यक्ष कैलाश साव ने दायर कोर्ट परिवादवाद में तत्कालीन प्रोजेक्ट हेड सुब्रमण्यम स्वामी, निदेशक कुलदीप सिंह सोलंकी, ब्रितपाल संधू, सिद्धार्थ जैन, बालासुब्रमण्यम प्रभाकरन, बालासुब्रमण्यम कार्तिकेयन, कार्तिकेश्वर, हिम्मत सिंह बेदला आदि को आरोपी बनाया गया है।

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