रांचीः झारखंड़ सरकार के विभाग खर्च के लेकर मार्च के अंत में रेस हो गए है। जानकारी के अनुसार इस वित्तीय वर्ष 2023-24 की समाप्ति से एक दिन पहले यानि 30 मार्च तक बजटीय राशि का लगभग एक लाख करोड़ रुपए खर्च हो चुका है। 2023-24 के लिए 1,16,418.00 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान है। इनमें 70,900 करोड़ का योजना बजट शामिल था। राज्य सरकार ने अंतिम तिमाही में 4,100 करोड़ रुपए बढ़ोतरी कर योजना बजट का आकार 75 हजार करोड़ रुपए कर दिया। इस बार भी लगभग 15 हजार करोड़ करोड़ रुपए से अधिक राशि सरेंडर होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के दौरान विकास योजनाओं के लिए बजट में निर्धारित राशि अनुपूरक के माध्यम से बढ़ायी.
कोषागार से राशि निकासी के लिए 15 फीसदी की सीमा है तय
चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्य सरकार ने मार्च में कोषागार से राशि निकासी के लिए 15 फीसदी की सीमा तय कर दी गई। इसमें यह शर्त है की यह राशि कार्य के विरुद्ध के लिए हो. इसके अलावा अन्य योजना मध्य से वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्राप्त कुल आवंटन के 15फीसदी की सीमा तक ही राशि की निकासी की जा सकेगी. पीएल खाते से भी 15 फीसदी की कीमत तक ही राशि की निकासी की जा सकेगी. स्थापना व मध्य अंतर्गत राशि की निकासी होगी. वित्त विभाग ने इस संबंध में सभी विभागों को पत्र लिखकर दिशा-निर्देश दिया है और संबंधित निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी एवं कोषागार पदाधिकारी के द्वारा विपत्र तैयार करने तथा पारित करने की कार्रवाई इसी दिशा-निर्देश के अनुसार करने को कहा है. इससे भी ट्रेजरी से राशि निकालने की गति थोड़ी धीमी हो गई है।
30 मार्च को 1052 करोड़ की स्वीकृति
शनिवार को यानि 30 मार्च को 554 एलोटमेंट के जरीए 1052 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 83181 एलोटमेंट किए गए हैं। वर्तमान में गृह और ऊर्जा विभाग खर्च करने में आगे हैं। गृह विभाग के लिए 7553.86 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान था, जिसमें से 6183.51 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है। वहीं ऊर्जा विभाग ने 15635 करोड़ रुपए में 14344.38 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। प्राथमिक शिक्षा में 7244.5 करोड़ में से 5600 करोड़ और माध्यमिक शिक्षा के 3672.71 करोड़ में से 2723.78 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। महिला बाल विकास विभाग ने 5896.47 करोड़ में से 4905.98 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
प्रमुख विभाग और खर्च
विभाग खर्च(करोड़ में)
जलसंसाधन 1268.64
लघु सिंचाई 236.16
ग्रामीण कार्य 2377.59
पंचायती राज 355.11
माध्यमिक शिक्षा 2723.78
प्राथमिक शिक्षा 5600.00
महिला बाल विकास 4905.98
कृषि 963.19
भवन निर्माण 437.09
मंत्रिमंडल निर्वाचन 207.50
सहकारिता 532.71
ऊर्जा 14344.38
खाद्य आपूर्ति 1067.89
वन पर्यावरण 698.01
स्वास्थ्य 3408.81
उच्च शिक्षा 1378.12
गृह 6183.51
उद्योग 217.51
सूचना जनसंपर्क 263.24
श्रम 706.48
पेयजल 3438.39
पथ 3807.68
ग्रामीण विकास 2919.74