किरणी बिरहोर की मौत पर केंद्र सरकार द्वारा एक्शन के बाद एक्टिव हुई जिला प्रशासन

एनटीपीसी के चट्टी बरियातू कोल परियोजना प्रभावित बिरहोर कॉलोनी पहुंचे एसडीएम

हज़ारीबाग़ : एनटीपीसी के चट्टी बरियातू कोल परियोजना से पगार गांव के आदिम जनजाति बिरहोर कॉलोनी में किरणी बिरहोर की मौत के बाद जिम्मेवारी तय कर कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर भारत सरकार से शिकायत किए जाने के बाद केंद्र के एक्शन से जिला प्रशासन हरकत में आया है। शुक्रवार को हजारीबाग सदर एसडीएम शैलेश कुमार केरेडारी प्रखंड का जायजा लेने पहुंचे । एसडीएम सबसे पहले चट्टी बरियातू पगार गांव स्थित बिरहोर कलोनी पहुंच कर बिरहोर परिवारों से रूबरू हुए । जहां एनटीपीसी के चट्टी बरियातू कोल माइंस के समीप निवास कर रहे बिरहोर परिवारों को अन्यत्र बसाने के स्थिति से अवगत हुए। लोगों ने कंपनी एनटीपीसी और उसके एमडीओ ऋत्विक-एएमआर की मनमानी को बताया। एसडीएम ने लोगों की समस्या सुना और समझा लेकिन बिरहोर कॉलोनी को खनन से पूर्व बसाने का जो कार्य जिला प्रशासन और कंपनी द्वारा पहले किया जाना था उसे अब क्यों किया जा रहा है उसका जवाब नही दिया। एसडीएम ने जोरदाग गांव में माइंस के समीप संचालित सरकारी विद्यालय को अन्यत्र मर्ज कराने को लेकर भी स्थल का जायजा लिया। इसके अलावे एनटीपीसी के पांडू गांव स्थित केरेडारी कोल माइंस का जायजा लिए और माइंस प्रबंधन द्वारा सुरक्षा प्रकरण पर को लेकर आवश्यक निर्देश दिए । वापसी के क्रम में अंचल कार्यालय पहुंचकर बिरहोर परिवारों को अन्यत्र बसाने को लेकर अंचल अधिकारी केरेडारी और एनटीपीसी प्रबंधन को आवश्यक दिशा निर्देश दिए ।

कोयला मंत्रालय की कार्रवाई से बचने के लिए एनटीपीसी ने आनन-फानन में शुरू किया खनन

एनटीपीसी के चट्टी बरियातू कोल परियोजना को कोयला मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश के आलोक में चालू नही किए जाने और परियोजना का तीस प्रतिशत सिक्युरिटी बैंक गारंटी जब्त कर लिए जाने के बाद एनटीपीसी ने जिला-प्रसाशन को मिलाकर आनन-फानन में कोयला खनन कार्य दिखा दिया । लेकिन कोयला मंत्रालय और वन मंत्रालय के निर्देशानुसार परियोजना से प्रभावित जनजाति बस्ती और स्कूल को अन्यंत्र विस्थापित किए बिना खनन कार्य शुरू कर दिया। बाद में किरणी बिरहोर की मौत और मामले को लेकर भारत सरकार द्वारा मुख्य सचिव को कार्रवाई के निर्देश दिए जाने के बाद मामले को रफा-दफा किए जाने को लेकर जिला प्रशासन एक्टिव हुई है। सवाल अब भी यह बना हुआ है कि जिला-प्रशासन और एनटीपीसी बिरहोर कॉलोनी को बिना बसाए खनन कार्य कैसे और क्यों शुरू कर दिया और किरणी बिरहोर की मौत के जिम्मेवार कौन हैं ? उनके ऊपर क्या कार्रवाई हुई ?

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