<!-- wp:image {"id":25,"sizeSlug":"large"} --> <figure class="wp-block-image size-large"><img class="wp-image-25" src="file:///data/user/0/com.jetpack.android/cache/img-20240822-wa00687387415403673574853.jpg" alt="" />अलकायदा का आतंकी दबोचा गयाझारखंड में एटीएस की बड़ी कार्रवाई: 14 स्थानों पर छापेमारी, सात संदिग्ध हिरासत मेंझारखंड: झारखंड में गुरुवार की सुबह एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) द्वारा एक व्यापक और सुनियोजित अभियान चलाया गया, जिसमें राज्य के 14 विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई। इस बड़े अभियान का उद्देश्य अलकायदा से जुड़े संदिग्ध गतिविधियों पर अंकुश लगाना और राज्य में आतंकवादी नेटवर्क का पर्दाफाश करना था।छापेमारी का विवरण और स्थानछापेमारी मुख्य रूप से रांची, हजारीबाग और लोहरदगा जिलों में की गई। हजारीबाग के पेलावल और लोहरदगा के कुड़ू थाना क्षेत्र में यह कार्रवाई विशेष रूप से प्रमुख रही। एटीएस के जवानों ने इन इलाकों में अलसुबह ही दबिश दी, जिससे संदिग्धों को कोई भी प्रतिक्रिया करने का मौका नहीं मिल सका।इस कार्रवाई के दौरान सात लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें से कुछ संदिग्धों के पास से आपत्तिजनक दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद हुए हैं। फिलहाल, इन सभी लोगों से गहन पूछताछ की जा रही है और यह जानने की कोशिश की जा रही है कि वे अलकायदा के नेटवर्क से किस हद तक जुड़े हुए हैं।बरामदगी और सबूत जुटाने की प्रक्रियालोहरदगा के कुड़ू थाना क्षेत्र में हुई छापेमारी के दौरान तीन अवैध आर्म्स भी बरामद किए गए हैं। इसके अलावा, एटीएस की टीम ने वहां मौजूद लोगों से पूछताछ कर कुछ महत्वपूर्ण सुराग जुटाने में भी सफलता हासिल की है। इन सुरागों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सकती है।रांची, लोहरदगा, हजारीबाग समेत अन्य सभी स्थानों पर छापेमारी अब भी जारी है। इस कार्रवाई के तहत, कई अन्य संदिग्ध स्थानों की भी जांच की जा रही है, जहां आतंकवादी गतिविधियों की संभावना हो सकती है। एटीएस की इस व्यापक कार्रवाई का मकसद राज्य में आतंकवादी नेटवर्क को जड़ से उखाड़ फेंकना है।इस बड़े ऑपरेशन की शुरुआत तब हुई जब एटीएस के एसपी को गुप्त सूचना मिली कि झारखंड के कई स्थानों पर अलकायदा से जुड़े लोग रह रहे हैं। इन सूचनाओं के आधार पर एटीएस ने राज्य के विभिन्न इलाकों में अपनी टीमों को तैनात कर दिया।गुप्त सूचना के बाद एटीएस ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से एक समन्वित रणनीति बनाई और छापेमारी शुरू कर दी। हालांकि अभी तक एटीएस के अधिकारियों ने इस संबंध में सार्वजनिक रूप से कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है, लेकिन यह साफ है कि छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण सुराग और सबूत जुटाए गए हैं।एटीएस की कार्यप्रणाली और उद्देश्यएटीएस का मुख्य उद्देश्य राज्य और देश को आतंकवादी गतिविधियों से मुक्त करना और आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करना है। नार्को आतंकवाद, साइबर आतंकवाद, और आर्थिक आतंकवाद जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एटीएस सक्रिय है। इसके अलावा, यह एजेंसी देश की अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर भी काम करती है।किसी भी आतंकी गतिविधि या संगठित अपराध के खिलाफ एटीएस को पूरे राज्य में कहीं भी छापेमारी, गिरफ्तारी और जांच के लिए अधिकृत किया गया है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि झारखंड में एटीएस सक्रिय है और किसी भी आतंकी गतिविधि को समय रहते नष्ट करने के लिए तैयार है।फिलहाल, एटीएस द्वारा हिरासत में लिए गए सात संदिग्धों से पूछताछ जारी है। इस पूछताछ से यह उम्मीद की जा रही है कि अलकायदा के स्थानीय नेटवर्क के बारे में और भी महत्वपूर्ण जानकारी सामने आएगी। एटीएस का अगला कदम इस जानकारी के आधार पर और भी संदिग्धों की धरपकड़ और अलकायदा नेटवर्क के खिलाफ व्यापक कार्रवाई करना हो सकता है।झारखंड के नागरिकों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि एटीएस की यह कार्रवाई राज्य में शांति और सुरक्षा बहाल करने में मददगार साबित होगी। इस घटना ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा एजेंसियां राज्य में आतंकवाद के खिलाफ मुस्तैद हैं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को नजरअंदाज नहीं करेंगी।जैसे-जैसे मामले की जांच आगे बढ़ेगी, इस अभियान से जुड़ी और भी जानकारी सामने आ सकती है, जिससे झारखंड के लोगों को पता चल सकेगा कि राज्य में उनकी सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं</figure> <!-- /wp:image --> <!-- wp:image {"id":26} --><!-- /wp:image -->