पूर्व मंत्री योगेंद्र साव एवं बड़कागांव से कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद की बहन अनुप्रिया के नाम से अनुप्रिया फाउंडेशन का शहर के व्यस्ततम, बेस कीमती और अति महत्वपूर्ण जगह डिस्ट्रिक्ट बोर्ड चौक पर कार्यालय खोला जाना आम आवाम में कौतूहल पैदा कर रहा है । बड़ी बात तो यह है कि एक ही कैंपस में अनुप्रिया फाउंडेशन के साथ-साथ झारखंड वैश्य संघर्ष मोर्चा के कार्यालय का भी बोर्ड लगा है । बोर्ड में वैश्य समाज के कई परिचितो के नाम एवं तस्वीर लगी है । शहर के लगभग जागरूक जनता एवं गणमान्य व्यक्तियों को मालूम है कि जिला परिषद चौक स्थित चांद कोठी का 1 एकड़ 60 डिसमिल जमीन खास महल की संपत्ति है और कई लोगों की गिद्ध दृष्टि इस संपत्ति पर लगी हुई है । सर्वप्रथम खास महल की संपत्ति सैयद अब्दुल हसीब के नाम से थी जिसे बाद में नवीनीकरण नहीं कराया गया और यह संपत्ति खास महल के अधीन हो गया । हालांकि इस प्रॉपर्टी के एक बड़े भाग पर स्वर्गीय डॉक्टर हीरालाल शाह का कब्जा और दवा रहा जिसे उपायुक्त कोर्ट के यहां से शायद खारिज भी कर दिया गया । वही संत कोलंबस कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर अनवर मलिक की पत्नी के द्वारा इस संपत्ति के एक भूखंड पर अपने कब्जा को दर्शाया गया और उसे मानते हुए , खास महल पदाधिकारी के द्वारा कागजी कार्रवाई के तहत एक मोटी राशि सरकारी तौर पर जमा भी कराई गई और उसकी रसीद भी निर्गत की गई । इसी के आधार पर आज उपायुक्त हजारीबाग अपर, समाहर्ता हजारीबाग और खास महल पदाधिकारी को प्रोफेसर अनवर मलिक के द्वारा खास महल के इस भूखंड पर अतिक्रमण की शिकायत से संबंधित एक आवेदन किया गया है । जिसमें साफ तौर पर यह लिखा गया है कि अतिक्रमण करने वाले व्यक्ति या समूह प्रभावशाली हैं एवं दबंग हैं , जिनके द्वारा अनाधिकृत रूप से दावा किया जा रहा है । जब बात अधिकारियों तक पहुंच गई तब भगवान का सहारा समाज के लोगों के लिए एक अचूक अस्त्र हो जाता है और यही कारण है की वैश्य समाज के कटकमदाग क्षेत्र से एक ऐसे व्यक्ति जो अपने आप को दबंग समझते भी हैं और कई प्रभावशाली लोगों से सोशल मीडिया पर ताल ठोकते भी हैं , उन्होंने इस भूखंड पर गणेश पूजा के आयोजन करने की बात की है ताकि मामले को कोई और मोड़ दिया जा सके ।क्या आपको नहीं लगता कि यहां भी सत्ता की हनक सर चढ़कर बोल रही है ? आप लोगों को ज्ञात है कि पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के हुरहुरू स्थित आवास के बगल की खास महल संपत्ति को भी कब्जा करने का प्रयास किया गया था उसमें भी सत्ता की हनक दिखाई दी थी और जब मामला उच्च स्तरीय जांच के दायरे में आया तो हजारीबाग जिला प्रशासन तक भी उसकी लपटें पहुंचने लगी थी । आज फिर से आलम वही है कि मैं उन्हीं लोगों से जुड़े खबरों को सुर्खियां बना रहा हूं और जिला प्रशासन एवं खास महल को अपने पिछले दिनों को याद करते हुए उन्हें आगाह कर रहा हूं कि सरकार की संपत्ति को सुरक्षित रखने की जो जवाब देही उन्हें मिली है उसे पूरा करें अन्यथा बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी ।

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