छात्रा से छेड़खानी करने वाले सनराइज एकेडमी के निदेशक पर कार्रवाई की मांग तेज, जनसमर्थन बढ़ा

बरही, हजारीबाग – बरही क्षेत्र में स्थित सनराइज एकेडमी करियातपुर के निदेशक सुरेश प्रसाद पर 10वीं कक्षा की छात्रा के साथ छेड़खानी का गंभीर आरोप लगा है, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में इस घटना को लेकर आक्रोश फैल गया है। स्थानीय लोग, सामाजिक संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस मामले में दोषी निदेशक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। शुक्रवार को हिंदू राष्ट्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि भुषण केशरी और अन्य पदाधिकारियों ने इस मामले को लेकर बरही के एसडीपीओ सुरजीत कुमार से मुलाकात की और न्याय की गुहार लगाई।

मामले की गूंज: जनप्रतिनिधि और समाजिक संगठनों का विरोध

यह घटना तब सामने आई जब छात्रा ने विद्यालय के निदेशक पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें उसने छेड़खानी का दावा किया। इसके बाद से इलाके में नाराजगी बढ़ती जा रही है। हिंदू राष्ट्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि भुषण केशरी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि छात्रा को न्याय दिलाने के लिए अब संघर्ष शुरू हो गया है। उन्होंने कहा, “अगर निदेशक सुरेश प्रसाद के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो हिंदू राष्ट्र संघ इस मामले को लेकर वृहद आंदोलन करेगा।”

इस मुद्दे को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि, करियातपुर के मुखिया, उप मुखिया, और अन्य नागरिक भी एसडीपीओ से मिलने पहुंचे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोषी को जल्द से जल्द कानून के दायरे में लाया जाए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।

पुलिस की भूमिका और भरोसा

बरही के एसडीपीओ सुरजीत कुमार ने जनता और हिंदू राष्ट्र संघ के पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि विद्यालय के निदेशक पर उचित और जल्द कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में सुपरविजन किया जा रहा है, ताकि निर्दोष लोगों को गलत तरीके से फंसाए जाने से बचाया जा सके। जो लोग वास्तव में इस घटना में निर्दोष पाए जाएंगे, उनके नाम केस से हटाने का भी आश्वासन दिया गया है।

बढ़ते जनसमर्थन और आंदोलन की तैयारी

हिंदू राष्ट्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि भुषण केशरी ने साफ तौर पर कहा कि अगर प्रशासन ने इस मामले में निष्पक्ष और शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो संघ बड़े पैमाने पर आंदोलन करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि समाज के हर वर्ग को इस घटना के खिलाफ एकजुट होना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोका जा सके।

संघ की तरफ से यह भी बताया गया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द ही एक जनसभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के लोग भाग लेंगे। इसका उद्देश्य न्याय सुनिश्चित करना और समाज में जागरूकता फैलाना है कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

शिक्षा के मंदिर में दुराचार: बढ़ती चिंताएं

इस घटना ने पूरे क्षेत्र में शिक्षा के स्तर और स्कूलों में बढ़ती असुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सनराइज एकेडमी करियातपुर, जो इलाके का एक प्रतिष्ठित स्कूल माना जाता था, अब इस घटना के बाद विवादों में घिर गया है। स्थानीय नागरिकों का मानना है कि शिक्षा के मंदिर में ऐसी घटनाएं बेहद शर्मनाक और चिंता का विषय हैं।

करियातपुर के मुखिया ने कहा, “विद्यालयों को बच्चों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यही स्थान उनके भविष्य निर्माण का आधार है। अगर स्कूल के अंदर ही छात्र-छात्राओं के साथ ऐसा दुर्व्यवहार होता है, तो यह हमारी शिक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा धब्बा है।”

पीड़ित छात्रा और परिवार का समर्थन

छात्रा के परिवार को इलाके के लोगों का पूरा समर्थन मिल रहा है। लोग लगातार उनके घर आकर उन्हें आश्वस्त कर रहे हैं कि वे इस लड़ाई में अकेले नहीं हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले में दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की घटना को अंजाम देने से पहले सौ बार सोचे।

पीड़ित परिवार ने भी न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि उनकी बेटी को न्याय मिले और दोषी को कानून के अनुसार सख्त सजा दी जाए। छात्रा के परिवार ने प्रशासन से अपील की है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर सजा दी जाए।

निष्कर्ष

इस घटना ने न केवल बरही क्षेत्र में आक्रोश फैलाया है, बल्कि पूरे समाज को इस बात पर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे हमारे शिक्षण संस्थान, जो बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान माने जाते हैं, वहां भी इस तरह की शर्मनाक घटनाएं घटित हो रही हैं।

सनराइज एकेडमी करियातपुर के निदेशक सुरेश प्रसाद पर लगे गंभीर आरोपों की जांच और कार्रवाई का पूरा क्षेत्र इंतजार कर रहा है। जनता की मांग है कि जल्द से जल्द न्याय हो, ताकि पीड़ित छात्रा और उसके परिवार को न्याय मिले और इस घटना के बाद समाज में एक सख्त संदेश जाए कि अपराध और अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अगले कुछ दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी और निष्पक्षता से कार्रवाई करता है, और क्या समाज इस घटना से सबक लेते हुए अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए और अधिक सतर्क हो जाता है।

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