जश्ने ईद मिलादुन्नबी के मौके पर नूरा वॉर्ड नंबर 3 में जश्ने आमद ए रसूल कॉन्फ्रेंस

नूरा, हजारीबाग झारखंड: जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर नूरा वॉर्ड नंबर 3 में आयोजित जश्ने आमद ए रसूल कॉन्फ्रेंस में अनेक धार्मिक विद्वानों और स्थानीय निवासियों ने भाग लिया। इस अवसर पर गवाल टोली मस्जिद के पेशेईमाम मौलाना गुलाम वारिस ने हजरत मोहम्मद साहब के जीवन और उनके द्वारा किए गए कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

हजरत मोहम्मद साहब की शिक्षाएं

मौलाना गुलाम वारिस ने अपने तकरीर में बताया कि हजरत मोहम्मद साहब ने उस जमाने में औरतों को उनका सम्मान और हक दिलाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। उन्होंने कहा, “उस दौर में बेटियों का जन्म लेना एक बड़ा गुनाह माना जाता था और उन्हें जिंदा दफन कर दिया जाता था। हजरत मोहम्मद साहब ने इस अमानवीय प्रथा को समाप्त किया और विधवा औरतों को सम्मान देने का संदेश दिया। उन्होंने पहला निकाह अपने से 15 साल बड़ी विधवा हजरते खदीजा से किया।”

मौलाना गुलाम वारिस ने बताया कि हजरते खदीजा के जीवनकाल में हजरत मोहम्मद साहब ने किसी दूसरी औरत से निकाह नहीं किया। यह उस समय की सामाजिक व्यवस्था के खिलाफ एक साहसी कदम था। उन्होंने विधवा औरतों को समाज में पूरा सम्मान देने की पहल की और इस्लामी दुनिया में उनके हक की रक्षा की।

महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा

मौलाना गुलाम वारिस ने इस्लाम में औरतों के हकों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा, “हजरत मोहम्मद साहब ने निकाह के वक्त पहला कुबूल (स्वीकार) कहने का हक औरतों को दिया। मर्दों को निकाह के वक्त औरतों के लिए मेहर देने का प्रावधान रखा। तलाक और खुला के नियम बनाए गए, जिससे महिलाओं को अपने अधिकारों की सुरक्षा मिली।”

मौलाना गुलाम वारिस ने बताया कि इस्लामी शरिया कानून में महिलाओं और लड़कियों से रेप या छेड़खानी की घटनाओं पर कड़ी सजा, यहां तक कि मौत की सजा का प्रावधान है। साथ ही, पिता की जायदाद में बेटियों को हिस्सा देने का भी स्पष्ट निर्देश दिया गया है।

धार्मिक विद्वानों का योगदान

जश्ने आमद ए रसूल कॉन्फ्रेंस में गवाल टोली मस्जिद के पेशेईमाम मौलाना गुलाम वारिस के साथ कोलघट्टी मस्जिद के पेशेईमाम मौलाना ताहिर रजा, मदरसा गुलशने बगदाद के पूर्व प्राचार्य मौलाना इदरीस रजा मिस्बाही किबला, नूरा के मोइज्जिन हाजी जमालुद्दीन अंसारी और नाथकह अलगडिहा मस्जिद के इमाम ने तकरीर और नाथ पढ़कर कार्यक्रम को सफल बनाया।

आयोजन की सफलता में सहयोग

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में नूरा नौजवान कमिटी के खलीफा महमूद आलम, नवाज़ उर्फ सोनू, मोइड अंसारी उर्फ दिलीप, शहीद मंसूर, जावेद हुसैन उर्फ मिंटू, तबरेज उर्फ टिंकू, शबान रजा, डीजे सरफराज, राजू, शहीद हुसैन, जैनुल आबेदीन, हसन, फैजान, नुमान, माहिम, सोहेब, रेहान, साहिल, अमन, आसिफ, ओवेश, अफनान, समीर, अयान, सालिक, राजा और अन्य लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

इस अवसर पर मौलाना गुलाम वारिस ने कहा, “यह कार्यक्रम हमें हजरत मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को याद करने और उनके द्वारा दी गई शिक्षा और उनके द्वारा उठाए गए कदमों को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए और समाज में महिलाओं के सम्मान और अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।”

सामाजिक और धार्मिक संदेश

कार्यक्रम में उपस्थित सभी विद्वानों ने एक स्वर में कहा कि हजरत मोहम्मद साहब की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और हमें उनके सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हजरत मोहम्मद साहब ने समाज में समानता, न्याय और मानवता की जो शिक्षा दी है, वह आज के दौर में भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।

जश्ने आमद ए रसूल कॉन्फ्रेंस में उपस्थित लोगों ने कार्यक्रम के अंत में सामूहिक दुआ की और हजरत मोहम्मद साहब के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त किया। इस अवसर पर मौलाना गुलाम वारिस ने सभी उपस्थित लोगों का धन्यवाद किया और कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज में जागरूकता फैलाने और सामाजिक सौहार्द बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस प्रकार, जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर आयोजित जश्ने आमद ए रसूल कॉन्फ्रेंस ने नूरा वॉर्ड नंबर 3 में एक सकारात्मक संदेश फैलाया और हजरत मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को याद करते हुए लोगों को उनके सिद्धांतों पर चलने की प्रेरणा दी।

आज शाम 5 बजे से रात के 8.30 बजे तक हरमू रोड में आवागमन या तो बंद रहेगा या बहुत कम।

राष्ट्रपति के दौरे को लेकर रांची जिला प्रशासन ने ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव किया है। जारी आदेश के मुताबिक, गुरुवार को शाम के पांच बजे से रात के 8.30 बजे तक हरमू रोड में आकस्मिक वाहनों को छोड़ कर सभी तरह की बड़ी व छोटी मालवाहक वाहनों, बसों व सवारी गाड़ी का प्रवेश बंद कर दिया गया है। एचईसी गेट से लेकर अरगोड़ा चौक, किशोरगंज चौक, न्यू मार्केट चौक से लेकर सूचना भवन तक कम से कम वाहन चलने का निर्देश दिया गया है।

राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर शहर की सुरक्षा बढ़ायी गयी है। छह आईपीएस समेत दो हजार से अधिक जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई है। एयरपोर्ट से लेकर राजभवन तक की सड़क के दोनों किनारों में लोहे का ग्रिल लगाकर बंद किया गया है। इस सड़क से जुड़ने वाली तमाम सड़कों पर बैरिकेडिंग लगा दिया गया है। राष्ट्रपति का काफिला गुजरने से पहले से सड़क पर आवागमण को पूरी तरह बंद कर दिया जायेगा।

संवाददाता:  रिपोर्टर मेराज खान की रिपोट

https://chat.whatsapp.com/Iyhg3BhKdooGrnAfANvHPS

Exit mobile version