हजरत  कम्बल शाह बाबा का उर्स हर्षोल्लास के साथ मना”

संजर मलिक ने छेदी तालाब की धरोहरों के मेंटेनेंस और सफाई पर दिया जोर, हजरत असहन शाह के उर्स से पहले बैठक की अपील

हज़रत कम्बल शाह बाबा का उर्स इस वर्ष भी बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। रात को गुसल के बाद कुरान पाक की तिलावत की गई, जिससे माहौल बेहद पवित्र और आध्यात्मिक हो गया।

दिन भर मजार पर अकीदतमंदों का तांता लगा रहा, जो श्रद्धापूर्वक चादर पोशी करते रहे। मजार की रौनक देखने लायक थी, जहां हर तरफ श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुआ था।

नमाज मग़रिब के बाद मिलाद की महफ़िल सजी, जिसमें नात-ए-पाक, ओलमाए-कराम की तकरीर और कलाम से लोगों के दिल तरो-ताज़ा हो गए। हजारों श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर जियारत की, जिनमें बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे बड़ी संख्या में शामिल थे।

युवाओं की टीम ने आयोजन के इंतजाम में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। हर तरफ लाइटिंग, फुलझड़ियां और गुलदस्ते सजे हुए थे, जो माहौल को और भी खूबसूरत बना रहे थे।

कार्यक्रम की शुरुआत हाफ़िज़ इमाम मौलाना गुलाम वारिस हस्मति ने की। उनके साथ कारी गफ्फार साहब, शायर-ए-इस्लाम आशिफ जावेद और अन्य विद्वानों ने भी भाग लिया। इस आयोजन को हर साल की तरह इस बार भी हव्वारी बिरादरी के लोगों ने बड़ी संख्या में भागीदारी निभाते हुए सफल बनाया। मुख्य रूप से मो महबूब हव्वारी, मो इज़राईल हव्वारी, मो ज़याउल्लाह हव्वारी, मिस्बाहुल रब, मुस्तफा, नसीम हव्वारी आदि ने उर्स को कामयाब बनाया।

इस उर्स पाक की महफिल में खास तौर से समाज सेवा सह शांति समिति राजद प्रदेश कार्य समिति के सदस्य फहिम उद्दिन अहमद उर्फ संजर मलिक ने भी अपनी हाजिरी पेश की। उन्होंने बाद सलाम सामूहिक दुआ में शामिल होकर अपने वतन हिंद में गंगा-जमुनी तहज़ीब का गहवारा तथा खुशहाली, भाईचारा, सौहार्द, प्रेम और विकास की कामना की।

संजर मलिक ने इस मौके पर कहा कि छेदी तालाब में फैले वलियों की इस जगह का उचित मेंटेनेंस नहीं हो पाने के कारण मजार की बैंटरी, दरवाजे पर सीढ़ी और पुरानी धरोहरों की स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने समाज के लोगों से अपील की कि वे आगे आकर इस ओर ध्यान दें और वहां लेटे हुए अल्लाह वालों को सच्ची अक़िदत पेश करें।

संजर मलिक ने यह भी कहा कि यहां स्नान करने के लिए अन्य जगहों से चर्म रोग से निजात पाने के लिए लोग आते थे, इसलिए इसकी सफाई पर भी ध्यान दिया जाना आवश्यक है।

आने वाले 20 अक्टूबर को हजरत असहन शाह का उर्स होना है। उन्होंने अकीदतमंदों से गुज़ारिश की कि इस अवसर से पहले एक बैठक की जाए और इस पर गहन विचार-विमर्श कर सुधार के उपाय किए जाएं।

चीफ रिपोर्टर मेराज खान वारसी

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