विधानसभा चुनाव को देखते हुए मतदाताओं की मदद के लिए बनाया गया #CVigil एप

CVigilपर करें आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत, 100 मिनट के अंदर होगी कार्रवाई
स्वतंत्र, पारदर्शी एवं निष्पक्ष के लिए चुनाव आयोग की पहल
जागरूक बनें और चुनाव के निष्पक्ष संपादन में प्रशासन का सहयोग करें

विधानसभाचुनाव2024 में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने में आयोग के साथ साथ मतदाताओं की भी सजग भूमिका जरूरी है। जब तक मतदाता चुनाव में प्रलोभन देने के हथकंडों को आंख बंद करके यूं ही देखते रहेंगे, तब तक इस पर रोक लगाना संभव नहीं है। इसके लिए चुनाव आयोग ने तकनीक का इस्तेमाल करते हुए C-Vigil मोबाइल एप मतदाताओं के लिए बनाया है ।

सीविजिल एप के माध्यम से आम नागरिक आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लघंन की शिकायत कर सकते हैं। मोबाइल के प्ले स्टोर या एप स्टोर से सी-विजिल एप डाउनलोड कर लाइव फोटो अथवा लाइव वीडियो अपलोड कर शिकायत की जा सकती है । आदर्श आचार संहिता के उल्लघंन होने पर सी-विजिल एप में अपने मोबाइल नम्बर से लॉग इन (Login) कर आम नागरिक अपने शिकायत की सतत निगरानी भी कर सकते हैं।

क्या नाम और मोबाइल नंबर देना अनिवार्य है?

सी-विजिल एप पर शिकायत करने के लिए नाम व मोबाइल नम्बर देने की कोई बाध्यता नहीं है, परन्तु अगर शिकायतकर्ता अपना नाम व मोबाइल नम्बर देते हैं तो शिकायतकर्ता एप के माध्यम से अपनी शिकायत की निगरानी भी कर सकते हैं। अगर शिकायतकर्ता द्वारा अपना नाम एवं मोबाइल नम्बर दिया जाता है तो भी यह सार्वजनिक नहीं हो सकता है । चुनाव आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे बेखौफ होकर आयोग के “आंख, नाक,कान” बनकर सजक मतदाता की भूमिका निभायें ।

शिकायत का निष्पादन कैसे होता है?

शिकायत को निष्पादित करने की समयावधि 100 मिनट है। आम नागरिक द्वारा शिकायत दर्ज होने पर रिटर्निंग आफिसर द्वारा अपने नजदीक के उड़नदस्ता टीम (एफएसटी) को शिकायत स्थल पर भेजा जाता है। शिकायत की प्राथमिक तौर पर पुष्टि के बाद रिटर्निंग आफिसर के पोर्टल पर भेजा जाता है तथा रिटर्निंग आफिसर द्वारा शिकायत के निस्तारण के क्रम में निर्णय लिया जाता है ।

एप से क्या-क्या शिकायत दर्ज करा सकते हैं?

आम तौर पर सी-विजिल एप में धनराशि वितरण, गिफ्ट/कूपन वितरण, शराब वितरण, पैसा बांटने के लिए कूपन का वितरण, महिलाओं को साड़ी बांटने सहित अन्य प्रकार से प्रलोभन देने की शिकायत की जा सकती है। बिना अनुमति पोस्टर, बैनर लगाना, बिना अनुमति बैठक करना, बिना अनुमति के प्रचार में गाड़ी लगाना, धार्मिक तथा उन्मादी भाषणबाजी देकर मतदाताओं को लुभाने या डराने की भी श‍िकायतें की जा सकती हैं।
Hazaribagh news DC Hazaribagh IPRD Hazaribagh IPRD Jharkhand IPRD,

चीफ रिपोर्टर मेराज खान वारसी

https://shuru.page.link/wzgcBkH1qsru6rXA7
Exit mobile version