
दिशोम गुरु का अवसान: झारखंड के जननेता शिबू सोरेन नहीं रहे
आदिवासी अधिकारों के पुरोधा, तीन बार के मुख्यमंत्री, झारखंड आंदोलन के जननायक शिबू सोरेन का दिल्ली में निधन; राज्य की राजनीति में एक युग का अंत

नई दिल्ली/रांची | 4 अगस्त 2025: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक और आदिवासी समाज की बुलंद आवाज शिबू सोरेन का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। ‘दिशोम गुरु’ के नाम से लोकप्रिय शिबू सोरेन के निधन की पुष्टि उनके पुत्र और झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की। उन्होंने बताया कि तमाम चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद उनके पिता को नहीं बचाया जा सका।
हेमंत सोरेन ने स्वयं दिल्ली पहुँचकर उनके इलाज की निगरानी की थी। अपोलो अस्पताल में भर्ती दिशोम गुरु की स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई थी। डॉक्टरों की टीम निगरानी में थी, पर उम्र और बीमारी ने आखिरकार झारखंड के इस जननायक को हमसे छीन लिया।
आदिवासी संघर्ष के प्रतीक
शिबू सोरेन का जन्म पुराने बिहार (वर्तमान में झारखंड) के हजारीबाग जिले (वर्तमान में रामगढ़ जिला) के नेमरा गाँव में 11 जनवरी 1944 को हुआ था। शिबू सोरेन को ‘गुरुजी’ और ‘दिशोम गुरु’ के नाम से जाना जाता था। उन्होंने आदिवासी अधिकारों की लड़ाई को नया स्वरूप दिया। 1970 के दशक में उन्होंने ‘धनकटनी आंदोलन’ की अगुवाई की, जो आदिवासी समुदाय के जल-जंगल-जमीन पर हक की मांग का प्रतीक बन गया।
राजनीतिक सफर: संघर्ष से सत्ता तक
शिबू सोरेन ने 1977 में पहला चुनाव लड़ा था। हालांकि हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 1980 के बाद उनका राजनीतिक कद लगातार बढ़ता गया। वे कई बार सांसद बने और झारखंड अलग राज्य आंदोलन में उनकी भूमिका निर्णायक रही। झारखंड राज्य की स्थापना में उनका योगदान ऐतिहासिक रहा, और उन्होंने JMM के माध्यम से आदिवासी समाज को न केवल राजनीतिक पहचान दिलाई बल्कि उनकी मांगों को राष्ट्रीय मंच पर पहुँचाया।
तीन बार मुख्यमंत्री, फिर भी अधूरी रही पारी
शिबू सोरेन झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री बने — 2005, 2008 और 2009 में। लेकिन राजनीतिक अस्थिरता, गठबंधन की चुनौतियाँ और कई बार लगे आरोपों के चलते वे कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। इसके बावजूद जनता में उनकी पकड़ और सम्मान हमेशा बना रहा।
JMM में बढ़ती स्वास्थ्य चिंताएं
पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की हालत भी गंभीर बनी हुई है। बाथरूम में फिसलने से सिर में गंभीर चोट के बाद उन्हें टाटा से एयर एम्बुलेंस द्वारा दिल्ली लाया गया, जहां अपोलो अस्पताल में उनका इलाज जारी है।
एक युग का अंत
शिबू सोरेन के निधन को झारखंड की राजनीति में एक युग के अंत के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने जिस तरह से आदिवासी समुदाय को राजनीतिक अधिकार दिलाए, वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। राज्य और देश के तमाम नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। अंतिम संस्कार की तैयारियाँ रांची में की जा रही हैं, जहां हजारों समर्थकों के उमड़ने की संभावना है।
सम्पूर्ण झारखंड आज एक शोक में डूबा है — दिशोम गुरु की कमी अब हमेशा खलेगी।
Hazaribag Today News गुरु जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता है 💐🙏शत शत नमन 🙏
Hemant Soren
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Manish Jaiswal
Pradip Prasad
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झा मु मो अल्पसंख्यक