
समाजसेवी संजर मलिक के ससुर कैसुरुल हसन खान का इंतक़ाल, हजारीबाग में गहरा शोक
गरीबों और समाज सेवा को समर्पित जीवन, मोहब्बे अहले बेत की मिसाल छोड़ गए, शहरवासियों ने व्यक्त की संवेदनाएँ
हजारीबाग | हजारीबाग के समाजसेवी संजर मलिक के ससुर, कैसुरुल हसन खान उर्फ़ क़ैसर खान का निधन हो गया। वे पहले रांची ऑर्किड हॉस्पिटल में इलाजरत थे, और देर रात लगभग 2:30 बजे रिम्स हॉस्पिटल में उनका फ़ानी निज़ाम से इंतेक़ाल हुआ।
उनकी मौत की ख़बर से पूरे हजारीबाग और आसपास के इलाक़ों में गहरा शोक छा गया। आज शाम 5 बजे असर के बाद जनाज़े की नमाज़ एवं खिरगांव कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा। परिवारजन, रिश्तेदार और शहरवासियों ने उनके लिए दुआएं और संवेदनाएँ व्यक्त की हैं।
कैसुरुल हसन खान नवाबगंज के सेवानिवृत्त उपयुक्त कार्यालय ऑफिस सुप्रिटेंडेंट थे। उन्होंने तकिया मजार मस्जिद की तामीर में अहम योगदान दिया और ज़िंदगी भर गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा को अपनी राहत समझा। वे मोहब्बे अहले बेत में हमेशा सक्रिय रहे और हर साल ज़िक्रे अहले बेत की महफ़िल का एहतेमाम करते रहे। और आगे भी ये सिलसिला उनके पुत्रों के द्वारा जारी रहेगा जिसकी नसीहत वो खुद कर के गए है।
वे अपने पीछे तीन बेटे और एक बेटी छोड़ गए हैं। उनके बड़े बेटे फिरोज़ खान नवाबगंज में शिक्षक हैं, मंझले बेटे अफरोज़ खान न्यूज 11 के एडिटर हैं, और छोटे बेटे अमजद खान गूगल कंपनी में इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं। उनके भतीजे जियाउल हसन खान पूर्व में आईजी पटना रहे।
शहर के लोगों ने अल्लाह तआला से दुआ की है कि वे मरहूम को जन्नतुल फ़िरदौस में सर्वोच्च मक़ाम अता फरमाएं और अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील दें।
إِنَّا لِلّٰہِ وَإِنَّا إِلَیْہِ رَاجِعُوْنَ
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