नई दिल्ली.मूर्ख मित्र से बुद्धिमान शत्रु अच्छा होता है। दुर्योधन ने कर्ण से अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए मित्रता की थी. ये बात तो महाभारत काल की हैं परन्तु आज के हाई टेक ज़माने में मोबाइल फोन का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल देश के भविष्य को अंधकार में लेकर जा रहा है और इस कथन के पलट मूर्ख मित्र से बुद्धिमान शत्रु अच्छा होता है यहाँ मोबाइल लोगों एवं बच्चों की आँखों का बुद्धिमान शत्रु नज़र आ रहा है.आंकड़ों के मुताबिक 12 से 18 महीने की उम्र के बच्चों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल की बढ़ोतरी देखी गई है।
ये स्क्रीन को आंखों के करीब ले जाते हैं और जिससे आंखों को नुकसान पहुंचता है।जी हां हालिया अध्ययन में यह दावा किया गया है कि स्मार्टफोन पर गेम खेलने या कार्टून देखने या मनोरंजन के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने बच्चों में ड्राई-आई बीमारी का खतरा ज्यादा होता है.स्मार्टफोन पर बच्चों की व्यस्तता आंखों की रोशनी और स्कूल में उनके प्रदर्शन पर भी नकारात्मक असर डालती है.
सरल और सपाट शब्दों में इस बात को समझें तो स्मार्टफोन बच्चों की आंखें चौपट कर सकता है.लोग आज कल अपने दिन का ज्यादा समय लोग स्मार्टफोन के साथ बिताने लगे हैं, फिर चाहे वो काम के चलते हो या फिर टाइम पास करने के लिए. लेकिन जरूरत से ज्यादा स्मार्टफोन का यूज के नुकसान बहुत ही खतरनाक हैं. इससे आपकी आंखों पर तो बुरा असर पड़ता ही है साथ ही शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंचता है. सोने से पहले स्मार्टफोन का यूज करने के क्या नुकसान होते हैं, आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं.मैक्यूलर डिजनरेशन आंखों की रोशनी से जुड़ी एक समस्या है जिसमें पीड़ित व्यक्ति की आंखों की रोशनी जाने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाएगी। मैक्यूलर डिजनरेशन में आंखों के रेटिना की कार्यक्षमता कम हो जाती है जिससे नजर में धुंधलापन आ सकता है।
अब तक सामने आयी स्टडीज और रिसर्च पेपर में यही कहा गया है कि मैक्यूला के खराब हो जाने के बाद यह फिर से ठीक नहीं हो पाता। इसका अर्थ है कि पीड़ित व्यक्ति के आंखों की रोशनी जा सकती है।बच्चों को कितनी देर देखने दे सकते हैं टीवी/मोबाइल?1.18 महीने यानी डेढ़ साल सेकम उम्र के बच्चे को किसी भी स्क्रीन वाले गैजेट का इस्तेमाल न करने दें।2. 5 से 8 साल के बच्चों को दिन में 2 घंटे से ज्यादा स्क्रीन वाले गैजेट्स का इस्तेमाल न करने दें।8 साल से बड़े बच्चों और वयस्कों को भी एक दिन में 3-4 घंटे से ज्यादा स्क्रीन गैजेट्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।3. कोई बच्चा ऑनलाइन क्लास कर रहा है, पढ़ाई के सिलसिले में रिसर्च कर रहा है या वयस्क वर्क फ्रॉम होम कर रहा है, तो उसे स्क्रीन वाले गैजेट के सामने ज्यादा देर बैठना होगा। इसलिए ऐसी स्थिति में ब्लू लाइट फिल्टर वाला चश्मा पहनकर ही इन स्क्रीन गैजेट्स का इस्तेमाल करना चाहिए।मोबाइल गेम खेलने के बजाय बच्चों को आउटडोर गेम खेलने के लिए प्रोत्साहित करेंबच्चों के खाने में बचपन से ही उन पौष्टिक चीजों को शामिल करना चाहिए, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हों।स्ट्रॉबेरी, खट्टे फलों और स्प्राउट्स में विटामिन सी पाया जाता है। इन सबमें प्रचुर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं। पपीता खिलाएं। सब्जियों में शिमला मिर्च को भी शामिल करें।