कर्नाटक: मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा सरकार समान नागरिक संहिता लागू करने पर बहुत गंभीरता से विचार कर रहीकर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि हम दीनदयाल उपाध्याय के समय से समान नागरिक संहिता के बारे में बात कर रहे हैं. देश में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर इस पर गंभीर विचार चल रहा है. सही समय आने पर इसे लागू करने का भी इरादा है. यह राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के मुख्य घोषणा-पत्र का हिस्सा था.बोम्मई ने भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर राज्य की राजधानी बेंगलुरु में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि उनकी सरकार समान नागरिक संहिता लागू करने पर बहुत गंभीरता से विचार कर रही है, क्योंकि यह राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के मुख्य घोषणा-पत्र का हिस्सा था.बोम्मई के अनुसार, राज्य सरकार इसे लागू करने के लिए विभिन्न राज्यों में गठित विभिन्न समितियों पर विचार कर रही है, ताकि इस पर कोई निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं का अध्ययन किया जा सके.बोम्मई ने धर्मांतरण विरोधी कानून पर कहा कि कई लोगों ने इसे गैर संवैधानिक करार दिया, लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित किया है, जिसमें कहा गया है कि जबरन धर्म-परिवर्तन एक अपराध है.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी का दृढ़ विश्वास है कि श्रद्धालुओं को मंदिरों का प्रबंधन करना चाहिए तथा आने वालेदिनों में इस दिशा में प्रावधान किए जाएंगे.बता दें कि समान नागरिक संहिता भारतीय जनता पार्टी के चुनावी वादों में प्रमुख रहा है. समान नागरिक संहिता 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा के चुनावी वादों में से एक रहा है.