हिन्दू धर्म में पौष अमावस्या विशेष महत्व है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन लोग चंद्र देव की पूजा करते हैं और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। आइए जानते हैं कैसे करें पूजा और किन बातों का रखना चाहिए अधिक ध्यान।अमावस्या तिथि के दिन पवित्र स्नान का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन पूजा से पहले गंगा अथवा किसी पवित्र नदी में स्नान करें या घर पर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।इसके बाद इस दिन सूर्य देव को तांबे के पात्र में अर्घ्य दें। ऐसा करने के लिए जल में लाल पुष्प और लाल चंदन का इस्तेमाल करें।सूर्य देव को अर्ग्य देने के बाद पितरों को तर्पण दें। इस दोपहर के समय पितरों का नाम स्मरण करते हुए तिल और जल लेकर तर्पण करें।इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और तुसली माता की पूजा का भी विधान है। इस दिन पितृ दोष से मुक्ति के लिए रुद्राभिषेक अवश्य करें। फिर तुलसी में पानी डालकर उनकी परिक्रमा करें और दीप जलाएं।मान्यता है कि पौष अमावस्या के दिन हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। साथ ही संध्या काल में हनुमान जी के मन्दिर में सरसों के तेल का दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है।