सेंट्रल डेस्क :- अफगानिस्तान मसले को लेकर पाकिस्तान गुरुवार को अमेरिका, चीन और रूस के सीनियर डिप्लोमैट्स की मेजबानी करेगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ‘ट्रोइका प्लस’ बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
अफगानिस्तान मसले पर भारत द्वारा आयोजित एनएसए स्तर की बैठक के बाद पाकिस्तान ने भी बैठक बुलाई है। अफगानिस्तान मसले को लेकर पाकिस्तान गुरुवार को अमेरिका, चीन और रूस के सीनियर डिप्लोमैट्स की मेजबानी करेगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ‘ट्रोइका प्लस’ बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक को लेकर पाकिस्तान के अधिकारी का कहना है कि ‘ट्रोइका प्लस’ अफगान अधिकारियों के साथ जुड़ाव के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। यह एक समावेशी सरकार के लिए समर्थन व्यक्त करेगा। हम अफगानिस्तान में मानवाधिकारों, विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा पर बातचीत करेंगे।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट मुताबिक रूस, अमेरिका, चीन और पाकिस्तान के प्रतिनिधि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से भी मुलाकात करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक 10 नवंबर को मुत्ताकी इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं। ये वार्ता ऐसे वक्त में हो रही है जब भारत ने अफगानिस्तान मसले पर सात देशों के साथ बातचीत की है। भारत ने इस बैठक में पाकिस्तान और चीन को भी आमंत्रित किया था लेकिन दोनों देशों ने बैठक में शामिल होने से मना कर दिया था।
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से ‘ट्रोइका प्लस’ की पहली बैठक
पाकिस्तान ने अब तक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है लेकिन तालिबान शासन को मान्यता दिलाने के लिए लगातार फ्रंटफुट पर खेल रहा है। रूस और अमेरिका जैसे देश तालिबान को मान्यता देने में कोई जल्दबाजी में नहीं हैं। इन देशों ने कहा है कि जब तक तालिबान अपना वादा पूरा नहीं करता तब तक मान्यता की कोई बात ही नहीं है। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से ‘ट्रोइका प्लस’ की यह पहली बैठक है। इस फॉर्मेट की आखिरी बैठक अगस्त की शुरुआत में दोहा में हुई थी। रूस द्वारा 19 अक्टूबर को मास्को में एक और बैठक बुलाई गई थी, लेकिन अमेरिका ने लॉजिस्टिक्स का हवाला देते हुए भाग नहीं लिया था।
सभी सात देशों ने भारत के सुर में मिलाए सुर
अफगानिस्तान की स्थिति को सुधारने को लेकर आयोजित इस बैठक में रूस और ईरान सहित सभी सात देशों ने भारत के सुर में सुर मिलाते हुए नजर आए। सभी ने अफगानिस्तान को सहयोग करने पर पर हामी भरी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डोभाल ने कहा, ‘हम सब आज अफगानिस्तान से संबंधित मुद्दों पर बात करने के लिए इकट्ठा हुए हैं। हम सब अफगानिस्तान में हो रही घटनाओं को गौर से देख रहे हैं। अफगानिस्तान के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि उसके पड़ोसी देशों और क्षेत्र के लिए भी इसके महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे विश्वास है कि हमारे विचार-विमर्श प्रोडक्टिव व उपयोगी होंगे और अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने और हमारी सामूहिक सुरक्षा बढ़ाने में योगदान देंगे ।
