कटिहार, 03 दिसंबर।स्वास्थ्य सेवाओं में उत्कृष्टता लाने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर लगातार प्रयास किया जा रहा है। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को मूलभूत सुविधाओं को लागू करने के साथ ही स्वास्थ्य संस्थानों में इलाज कराने के लिए आने वाले सभी मरीज़ों को उचित व्यवहार के साथ बेहतर सेवा उपलब्ध कराने की कवायद की जा रही है। स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने की दिशा में भी कारगर पहल की जा रही है। इसी को लेकर स्वास्थ्य विभाग से संबंधित विभिन्न प्रकार की योजनाओं एवं कार्यक्रमों को लेकर जिलाधिकारी उदयन मिश्रा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन समाहरणालय सभागार में आयोजित की गयी।
जिलाधिकारी ने जिले में स्वास्थ्य संबंधी मामलों की बेहतरी को लेकर कई दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर जिलाधिकारी उदयन मिश्रा, सिविल सर्जन डॉ दीनानाथ झा, जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ अशरफ़ रिज़वी, एनसीडीओ डॉ सुमन कुमार, डीआईओ डॉ मनोज कुमार चौधरी, डीपीएम डॉ किशलय कुमार, डीपीसी मजहर अमीर, डीसीएम अश्विनी मिश्रा एवं डीएमएंडई अखिलेश सिंह सहित जिले के सभी एमओआईसी उपस्थित थे।राज्य स्तर पर रैंकिंग के लिए कार्य करने की आवश्यकता: जिलाधिकारीजिलाधिकारी उदयन मिश्रा ने कहा कि राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा बिहार के सभी जिलों में स्वास्थ्य से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी मामलों की समीक्षा की जाती है।
इसके आधार पर रैकिंग की जाती है। सरकार द्वारा संचालित लक्ष्य प्रमाणीकरण कार्यक्रम व कायाकल्प योजना के संचालन के अलावा शेष सभी तरह के कार्यक्रमों का संचालन नियमित रूप से होना चाहिए। जब तक स्वास्थ्य विभाग ठीक नहीं रहेगा तब तक किसी भी तरह के मरीज़ों की सेवा नहीं की जा सकेगी। जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में मातृ-शिशु देखभाल, ओपीडी व इमरजेंसी सेवाओं में बेहतरी को लेकर जरूरी कदम उठाने के लिए दिशा-निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराते हुए स्वास्थ्य कार्यक्रमों के संचालन को लेकर राज्य स्तरीय रैकिंग में बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित कराने को लेकर आवश्यक रूप से कार्य करने के लिए सभी को कार्य करने पर बल दिया गया है।स्वास्थ्य विभाग से जुडी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के संबंध में कई गई चर्चा: जिलाधिकारीसमीक्षा बैठक के दौरान कोरोना जांच एवं संक्रमण, कोविड-19 टीकाकरण, नीति आयोग के सूचकांक, ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन, मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले मरीज़ों की देखभाल, एनसीडी कार्यक्रम, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एचडब्लूसी) के माध्यम से आयुष्मान भारत कार्यक्रम, संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम, प्रजनन बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरसीएच), अनमोल, संधारण, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं वित्त विभाग से जुड़े कार्यक्रमों एवं विभिन्न प्रकार के योजनाओं के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा कर जानकारी ली गई।