राहुल गांधी के नाम,एक हिन्दू सतीश चंद्र मिश्रा का पत्र

आज यह चिट्ठी इसलिए क्योंकि राहुल ने कहा है कि हम हिन्दू हैं, हमें हिन्दुत्व की जरूरत नहीं है।

हिन्दू हिंदुत्व हिन्दू धर्म के तलुए चाटने के लिए तो तुम जल बिन मछली की तरह तड़प रहे हो, तरस रहे हो राहुल गांधी।
राहुल गांधी, तुमको उपरोक्त सच का आईना दिखाने से पहले तुमको यह हिन्दू चुनौती दे रहा है कि अगर तुमने अपनी मां का दूध पिया है तो अब यह कह कर भी बताओं कि क्योंकि इस्लामी आतंकवाद पूरी दुनिया में अबतक लाखों निर्दोषों का कत्लेआम कर चुका है, यही इस्लामी आतंकवाद हर वर्ष हजारों निर्दोषों का कत्ल कर रहा है। इसलिए मुसलमानों का इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है।

अब बात सच के उस आईने की जिसमें तुमको तुम्हारी शक्ल दिखाना बहुत जरूरी है।
राहुल गांधी, तुम खुद ही सबसे बड़ा उदाहरण हो इस सच्चाई का कि हिन्दू, हिन्दू धर्म, हिन्दू सभ्यता संस्कृति, हिन्दू परंपरा और हिंदुत्व दुनिया में सबसे महान और सर्वश्रेष्ठ हैं। तुम उदाहरण हो इस सच्चाई के कि दुनिया के सभी धर्मों में सर्वश्रेष्ठ धर्म हिन्दू धर्म ही है।
राहुल गांधी, तुम्हारी कुटिल कुंद बुद्धि को सम्भवतः बात समझ में ना आयी हो इसलिए केवल 3 उदाहरण देकर तुम्हें उपरोक्त सच्चाई समझाता हूं।

पहला उदाहरण: सारी दुनिया यह जानती है कि तुम कट्टर कैथोलिक ईसाईन मां और कट्टर पारसी बाप की औलाद हो। लेकिन पूरा देश और पूरी दुनिया यह तमाशा देख रही है कि अपने बाप और मां के धर्म को तुम इतना गिरा हुआ, इतना घटिया, इतना दरिद्र मानते हो कि खुद को उन दोनों में से किसी के धर्म का नहीं मानते हो। उन दोनों के धर्मों में से किसी एक के धर्म के बजाए खुद को हिन्दू धर्म का अनुयायी, जनेऊ धारी हिन्दू घोषित करने के लिए इतनी बुरी तरह लालायित हो कि कपड़ों के ऊपर जनेऊ पहनकर पूरे देश में तमाशा बने घूम रहे हो। हद तो यह है कि तुम जिस जालीदार टोपी को पहनकर पूरे देश में कबरों दरगाहों में मंडराते थे, तुमने उसके धर्म को भी नहीं चुना। वो जालीदार टोपी तुम कौन से गटर में कब कहां और क्यों बहा आये हो.? यह तुम ही जानते हो।
राहुल गांधी तुमको याद दिला दूं कि केवल हिन्दू धर्म या हिन्दूस्तान नहीं बल्कि पूरी दुनिया और दुनिया के हर धर्म में किसी व्यक्ति का धर्म उसके पिता के धर्म के आधार पर ही निर्धारित होता है। कुछ अपवादों में उसका धर्म उसकी मां के धर्म के आधार पर भी तय होता है। लेकिन उसका धर्म उसके किसी पड़ोसी या उसके मां-बाप के दोस्तों परिचितों के धर्म के आधार पर पूरी दुनिया में, किसी धर्म में नहीं तय होता। बात जरा गहरी समझ लो तो बेहतर है।

दूसरा उदाहरण: राहुल गांधी तुमने ही कहा था कि हिन्दू लड़कियों को छेड़ने के लिए मंदिरों में जाते हैं। तुमने ही कहा था कि मंदिरों में लफंगे जाते हैं। लेकिन राहुल गांधी, पूरा देश यह देख रहा है, पूरी दुनिया यह देख रही है कि तुम पिछले कई बरसों से पूरे देश के मंदिरों में मंडराते हुए घूम रहे हो।

राहुल गांधी को तुम्हारी उपरोक्त औकात बताने के बाद तुमको तुम्हारी दुष्ट दरिद्र धूर्त बुद्धि की औकात बताना भी बहुत जरूरी है, क्योंकि तुमने आज कहा है कि, “हिंदुइज्म और हिंदुत्व में क्या अंतर है, क्या वे एक ही चीज हो सकते हैं? यदि वे एक ही चीज हैं, तो उनका एक ही नाम क्यों नहीं है? “वे स्पष्ट रूप से अलग चीजें हैं। क्या हिंदू धर्म में सिख या मुस्लिम की पिटाई के बारे में है? हिंदुत्व में निश्चित रूप से है।”
राहुल गांधी तुम अपना इलाज किसी पागलखाने में करवाओ क्योंकि पूरा देश, पूरी दुनिया, और विशेषकर पूरा सिक्ख समाज यह जानता है, चिल्ला चिल्लाकर पूरी दुनिया को बताता है कि केवल 3 दिनों में 10 हजार सिक्खों को सड़कों पर सरेआम कत्ल करने का कुकर्म किसी हिन्दू संगठन, या किसी भी अन्य धार्मिक संगठन ने नहीं किया था। उन 10 हजार सिक्खों का कत्ल कांग्रेसी सभ्यता संस्कृति वाले कांग्रेसी गुंडों ने किया था। राहुल गांधी तुमको यह हिन्दू चुनौती दे रहा है कि अगर तुमने अपनी मां का दूध पिया है तो अब यह कह कर भी बताओं कि इस्लामी आतंकवाद पूरी दुनिया में हजारों निर्दोषों का कत्ल कर रहा है इसलिए मुसलमानों का इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है।

यह लेखक के निजी विचार हैं

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