एक जिम्मेदार और मजबूत देश के रूप में भारत का कद दुनिया में लगातार बढ़ रहा है। तमाम यूरोपीय देशों समेत अमरीका भी इस तथ्य को अब खुले मन से स्वीकार कर रहा है। अमरीका से लेकर रूस के राष्ट्रपति भारत की तारीफ करते दिख रहे हैं। अब एक बार फिर पिछले 24 घंटे में वॉशिंगटन से इस आशय के एक नहीं दो बयान आए हैं।
भारत के बढ़ते कद को अमरीका ने किया तस्दीक
भारत को जी-20 देशों के समूह की अध्यक्षता मिलना तो उसका सिर्फ एक संकेत भर है। व्हाइट हाउस के एशिया समन्वयक कर्ट कैंपबेल ने कहा है कि भारत अमरीका का सहयोगी नहीं बनेगा, बल्कि खुद एक बड़ी पावर बनने की ओर बढ़ रहा है। गुरुवार को एस्पेन सिक्योरिटी फोरम की बैठक के दौरान कैंपबेल ने कहा कि उनके विचार में भारत 21वीं सदी में संयुक्त राज्य अमरीका के लिए सबसे महत्वपूर्ण दि्वपक्षीय संबंधों वाला देश है।।। मैं किसी भी दि्वपक्षीय संबंध के बारे में नहीं जानता जो पिछले 20 वर्षों में संयुक्त राज्य अमरीका और भारत की तुलना में अधिक गहरा और मजबूत हो रहा है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमरीका को इस दिशा में अपनी क्षमता का और भी अधिक निवेश करने की जरूरत है।
भारत की नेतृत्वकारी भूमिका के लिए आभारी: प्रवक्ता
दूसरी ओर, शुक्रवार को ही व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैराइन जीन पियरे ने अपनी नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा है कि हम इंडोनेशिया में जी-20 सम्मेलन में भारत द्वारा दिए नेतृत्व के लिए आभारी हैं और जी-20 के नए अध्यक्ष के रूप में भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं। जीन-पियरे ने कहा, हम कई महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी भारत के साथ काम करना जारी रखना चाहते हैं। बता दें, हाल में संपन्न हुए जी-20 के सयुंक्त वक्तव्य में पीएम मोदी के संदेश – ‘ये युद्ध का युग नहीं’ को जगह दी गई थी।
सिर्फ चीन की चिंता के कारण हमारे संबंध नहीं
कैंपबेल ने कहा, भारत का एक अनूठा रणनीतिक चरित्र है। यह संयुक्त राज्य अमरीका का सहयोगी नहीं, इसकी इच्छा एक स्वतंत्र शक्तिशाली देश बनने की है। यह एक और बड़ी पावर होगा। उन्होंने उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत-अमरीका संबंध केवल चीन को लेकर चिंता के कारण नहीं बने हैं। उन्होंने कहा, यह दोनों देशों के समाजों के बीच तालमेल के महत्व की गहरी समझ है और अमरीका में बसे भारतीय हमारे बीच संबंधों का बड़ा सेतु हैं।
क्वाड से जुड़ने में भारत की आशंकाएं बाइडन ने यूं की खत्म
कैंपबेल ने माना कि भारत की नौकरशाही में भारत के क्वाड से जुड़ने को लेकर दुविधा थी। लेकिन जब अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सीधे पीएम मोदी से बार-बार इसके लिए संपर्क साधा तो भारत को इसमें अपने हित नजर आए। कैंपबेल ने कहा कि मैं क्वाड को लेकर बहुत आशावादी हूँ। क्वाड भले ही एक अनौपचारिक संगठन रहे लेकिन इसने महासागर क्षेत्र में स्थित चार लोकतांत्रिक देशों अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के बीच समन्वय के कई चैनल खोले हैं।
आस्ट्रेलिया में क्वाड-2023 मीटिंग के लिए उत्सुक
व्हाइट हाउस के एशिया समन्वयक ने कहा कि आस्ट्रेलिया के पीएम एंथोनी अल्बनीज ने हमें 2023 में प्रमुख क्वाड मीटिंग के लिए आमंत्रित किया है, जिसको लेकर मैं बहुत उत्साहित हूँ। इस बैठक में सिर्फ दक्षिण एशिया में ही नहीं बल्कि पूरे प्रशांत महासागर क्षेत्र में हमारे सहयोग और समन्वय को विस्तार मिलेगा।