बालाजी न्यूज़: इस इंसान की लालसा ज्यादा पैसे कमाने की नहीं है। इनके परिवार में माता और पिता हैं। फिर भी वह ओडिशा के गंजम जिले का नागेशु पात्रो दिन में एक प्राइवेट कॉलेज में गेस्ट लेक्चरर और रात में बेरहमपुर रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते हैं। ऐसा वह ज्यादा पैसा कमाने के लिए नहीं, बल्कि गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए करते हैं।
31 साल के नागेशु ने गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने के लिए एक कोचिंग सेंटर खोला है। कुली का काम करके वे जो पैसे कमाते हैं, उससे इस कोचिंग सेंटर के टीचर्स को सैलरी देते हैं। दिन की शुरुआत में वे गेस्ट फैकल्टी के तौर पर प्राइवेट कॉलेज अटेंड करते हैं, इसके बाद अपने कोचिंग सेंटर पर क्लासेस देते हैं। रात को वे रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते हैं।
कुली का काम करके वे महीने में 10 हजार से 12 हजार रुपए कमाते हैं, जिसमें से वे कोचिंग सेंटर के 4 टीचर्स को 3 से 4 हजार रुपए देते हैं। कॉलेज से मिलने वाले 8 हजार रुपए से वह अपने परिवार का खर्च उठाते हैं। उनके परिवार में माता और पिता हैं, जिनके साथ वे गंजम जिले के मनोहर गांव में रहते हैं।
हाईस्कूल की परीक्षा नहीं पाए थे नागेशु
पात्रो खुद गरीब परिवार से आते हैं। 2006 में वे हाईस्कूल के एग्जाम नहीं दे पाए थे। उनके पिता गड़रिए का काम करते थे और उनका गुजारा मुश्किल से हो पाता था। ऐसे में उनके लिए अच्छी पढ़ाई करना दूर का सपना था। तब से ही वे बच्चों को शिक्षा देने के मिशन पर निकल पड़े हैं।
उन्होंने कुली रहते हुए अपनी सारी पढ़ाई का खर्च उठाया। उन्होंने कहा कि अब लोग ट्रॉली बैग और एस्केलेटर का इस्तेमाल करने लगे हैं, जिससे कुली के तौर पर उनकी कमाई कम हो गई है। उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से अपील की है कि कुलियों के लिए कोई कदम उठाएं।
सूरत से हैदराबाद और फिर वापस ओडिशा
सूरत की एक कपड़ा मिल में करीब दो साल तक काम करने के बाद बीमार पड़ने के बाद वे घर लौट आए। इसके बाद वह एक मॉल में सेल्समैन के रूप में काम करने के लिए हैदराबाद चले गए। हैदराबाद में रहते हुए उन्हें दिसंबर 2011 में रेलवे कुली का काम मिला।
कुली के रूप में काम करते हुए, उन्होंने 2012 में पत्राचार पाठ्यक्रम के माध्यम से बारहवीं कक्षा की परीक्षा देने का फैसला किया। एचएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, उन्होंने नियमित छात्र के रूप में बरहामपुर विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर किया, यह सब रात में कुली के रूप में काम करते हुए किया।