भारत की रक्षा क्षेत्र में यह क्रांति कारी सफलता महज विश्व में कुछ गिने चुने कुछ चंद मुल्कों के पास है.

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भारतीय वायु सेना के लिए सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो SDR की रीयल-टाइम कनेक्टिविटी के लिए GSAT-7C सैटेलाइट और ग्राउंड हब की खरीद के लिए 2,236 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को आज मोदी सरकार द्वारा स्वीकृति दे दी गई है. इस उपग्रह का पूरा डिजाइन, विकास और प्रक्षेपण भारत में ही किया जाएगा !! यह अपने स्वयं के संचार उपग्रह प्राप्त करने के लिए भारतीय वायुसेना की लंबे समय से लंबित मांग में से एक है । भारतीय वायुसेना द्वारा ग्लोबल लिंक को SDR आधारित NETCOR से जोड़ने के लिए GSAT-7C का उपयोग किया जाएगा !! “100 मील” की दूरी पर जाम प्रूफ संचार के लिए भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स दुश्मनों के फाइटर जेट, ओर उनके ग्राउंड राडार को जाम करने में सक्षम हो जाएगा !! यह टेक्नोलॉजी केवल अमेरिका, रूस, जापान ओर इज़राइल के पास है !! हमारा DRDO ने यह टेक्नोलॉजी विकसित कर चुका है, अब इस टेक्नोलॉजी को GSAT-7C उपग्रह में फिट करके प्रक्षेपण करेगा !! यह टेक्नोलॉजी अभी भी चीन के पास नहीं है…

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