हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के बरमाणा स्थित ACC सीमेंट फैक्ट्री बंद हो गई है। फैक्ट्री पर ताला जड़ने के बाद ACC प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों और कामगारों को आज से काम पर नहीं आने का फरमान जारी कर दिया गया है। इससे सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है। फैक्ट्री बंद करने के पीछे कंपनी ने घाटे का तर्क दिया है।कंपनी प्रबंधन ने नोटिस चस्पा कर कहा है कि जब तक वित्तीय हालात में सुधार नहीं आता, तब तक कोई काम पर न आए और अगले आदेश का इंतजार करें। सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं वाले सुरक्षा कर्मचारी, बिजली व पानी विभाग की सेवाओं वाले कर्मचारियों को ही आज काम पर बुलाया है।यह नोटिस फैक्ट्री की दीवारों पर बीती शाम 5 बजे लगाया गया। इससे कर्मचारियों व कामगारों में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री में 300 से ज्यादा कर्मचारी और 900 से ज्यादा कामकार है।
कुल मिलाकर 1200 से अधिक कर्मचारियों व कामगारों की नौकरी खतरे में पड़ गई है।बरमाणा फैक्ट्री में रोजाना दर्जनों ट्रक सीमेंट की ढुलाई करते हैं, जिनकी दो जून की रोजी-रोटी इसी फैक्ट्री से चल रही हैं। इसी तरह बरमाणा फैक्ट्री की वजह से आसपास के क्षेत्रों में दर्जनों लोगों की रोजी दुकानों में विभिन्न कारोबार की वजह से चल रही है। फैक्ट्री पर ताला लटकने से सभी की रोजी पर संकट आ गया है।कंपनी प्रबंधन ने नोटिस में कहा है कि परिवहन और कच्चे माल की लागत में वृद्धि और बाजार की मौजूदा स्थिति के कारण सीमेंट की ढुलाई में भारी कमी आई है। इससे कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसे देखते हुए ACC प्रबंधन सीमेंट फैक्ट्री के संचालन और प्लांट से संबंधित सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है।ACC प्रबंधन ने सभी से इस संबंध में सहयोग करने का अनुरोध किया है।
अब ट्रक परिवहन पर निर्भर बरमाणा से लेकर स्वारघाट तक छोटे-छोटे दुकानदार से लेकर बड़े व्यवसायियों पर भी असर पड़ेगा।बता दें कि बीते दिनों अडाणी समूह ने इस प्लांट को खरीदा है। ACC की गगल इकाई की स्थापना वर्ष 1984 में की गई थी। कुछ वर्ष पहले तक विदेशी कंपनियां होलसिम व लाफार्ज रन कर रही थी और अब अडाणी समूह का हिस्सा बन गई हैं।BDTC यानि बिलासपुर डिस्ट्रिक ट्रक सोसायटी एशिया की सबसे बड़ी ट्रक ऑपरेटर यूनियन मानी जाती है। इसका लंबे समय से सीटें ढुलाई की दर्रों की वजह से ACC सीमेंट प्रबंधन फैक्ट्री के साथ विवाद रहा है। बीते कुछ दिनों से ट्रांसपोर्टरों को सीमेंट ढुलाई का कम काम मिल रहा था। इससे ट्रांसपोर्टर पहले ही परेशान थे। अब फैक्ट्री पर ताला लटकने के बाद निश्चित तौर पर सबकी मुश्किलें बढ़ेगी।