रांची: द झारखंड प्रिवेंशन ऑफ लिंचिंग बिल 2021 का ड्राफ्ट तैयार करने से ही अल्पसंख्यकों का भला नहीं होने वाला है हेमंत सरकार तुरंत आने वाले विधानसभा सत्र में इस बिल को लाकर विधानसभा से पारित कर कानून बनाए तो ही अल्पसंख्यकों का भला हो सकेगा। उपरोक्त बातें आज झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष-सह-हटिया विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने कहीं। इन्होंने यह भी कहा कि देश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने झारखंड में हो रहे अल्पसंख्यकों को लिंचिंग के नाम पर हत्या अत्याचार जैसे विषय को गंभीरता पूर्वक समझा और इन वर्गों की संवैधानिक रूप से रक्षा , सुरक्षा हेतु द झारखंड प्रिवेंशन ऑफ लिंचिंग बिल 20 21 का ड्राफ्ट गंभीरता पूर्वक तैयार कराया है. यह काफी महत्वपूर्ण विषय है. इस सराहनीय कार्य के लिए झारखंडी सूचना अधिकार मंच उन्हें तहे दिल से बधाई देता है. उनसे यह भी अनुरोध करता है कि इस बिल को तुरंत विधानसभा के पटल पर लाकर ध्वनि मतों से पारित कराकर कानून बनाने की दिशा में महामहिम राज्यपाल के पास भेजने का कार्य कर इसे सख्ती से लागू कराने की दिशा में ठीक पहल करने का कार्य करें ताकि अब झारखंड में लिंचिंग के नाम पर कोई अल्पसंख्यकों की हत्या और अमानवीय अत्याचार ना कर सके। विजय शंकर नायक ने आगे कहा कि भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार में राज्य में लिंचिंग के नाम पर अल्पसंख्यकों के ऊपर काफी जुल्म अत्याचार एवं हत्याएं की गई थी और भाजपा ने हत्यारों को माला पहनाकर महिमामंडित करने का काम कर उन हत्यारों का मनोबल बढ़ाने का कार्य किया था। इस लिंचिंग बिल के आने से अल्पसंख्यक समाज की संवैधानिक रूप से उनके हितों की रक्षा उनके जान माल की सुरक्षा को अब संवैधानिक गारंटी मिल पाएगी और इन वर्गों के ऊपर जुल्म अत्याचार हत्या जैसी घटनाओं पर रोक लग सकेगी इस लिंचिंग कानून के आ जाने से वैसे अल्पसंख्यक विरोधियों लिंचिंग समर्थकों पर विराम लग सकेगा तथा इन वर्गों पर जुल्म करने से पहले वे लोग हजार बार सोचने को विवश होंगे और अल्पसंख्यक समाज को न्याय मिल सकेगा ।