देश में नेजल वैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी दे दी गई है। यह बूस्टर खुराक के तौर पर लगाई जा सकेगी। निर्णय के अनुसार, नेजल वैक्सीन पहले निजी अस्पतालों में उपलब्ध होगी।
जानकारी के मुताबिक, यह इंट्रानेजल वैक्सीन व्यापक रूप से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्तेजित करने में सहायक होगी। सार्स-सीओवी-2 जैसे कई वायरस सामान्यतौर पर म्यूकोसा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं। यह नाक में मौजूद एक ऊतक है। वायरस म्यूकोसल झिल्ली में मौजूद कोशिकाओं और अणुओं को संक्रमित करते हैं। ऐसे में नेजल शॉट के माध्यम से वायरस को शरीर में प्रवेश करने से पहले ही खत्म किया जा सकता है।