झारखण्ड मुक्ति मोर्चा एवं झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के महासचिव फागू बेसरा ने कहा है कि राष्ट्रीयकृत बैंकों के संयुक्त मंच यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस द्वारा बैंकों के नीजिकरण के लिए लाए जा रहे बैंकिंग लॉ संशोधन विधेयक के खिलाफ दो दिवसीय हड़ताल झारखंड में पूरी तरह सफल रही, झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन ने हड़ताल को सफल बनाने के लिए सभी बैंक कर्मचारियों को बधाई दी है। इस हड़ताल में पूरे देश के 10 लाख से ज्यादा बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया झारखंड में भी सर्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के 3000 से ज्यादा ब्रांच ओं के लगभग 25000 कर्मचारियों अधिकारियों ने हड़ताल में भागीदारी की राज्य में प्राइवेट बैंकों के कर्मचारियों ने भी हड़ताल में हिस्सा लिया। झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के महासचिव फागु बेसरा ने कहा है कि केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में बैंकिंग अधिनियम में बैंकों को निजी घरानों के हवाले करने की तैयारी कर रही है इसकी घोषणा संसद के पिछले बजट सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर चुकी है इसके पहले सरकार ने 29 राष्ट्रीय कृत बैंकों में से कुछ प्रमुख बैंकों का एकीकरण कर दिया है जिसके बाद अब केवल 12 सर्वजनिक क्षेत्र के बैंक ही अस्तित्व में रह गए हैं अब सरकार इन बचे हुए सर्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को निजी पूंजी पतियों के हवाले कर जनता की गाढ़ी कमाई के बचत को दांव पर लगा रही है.
आज से 51 साल पहले 1969 में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था जिसके बाद सच मायने में बैंकिंग सेवा ने देश की जनता के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की और सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों की शाखाएं हैं खुलने से देश के कृषि का विकास हुआ इतना ही नहीं सर्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की जमा पूंजी में भी भारी इजाफा हुआ जल्दी बड़े पैमाने पर कारपोरेट घरानों के बैंक लोन को राइट ऑफ करने और आर्थिक खिलाड़ियों द्वारा बैंक की बड़ी भारी राशि डकार लिए जाने जिसे अब कहा जा रहा है कि सरकारी सरल नहीं रहता तो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक जो अभी भी हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है ज्यादा योगदान दे सकते थे इस परिस्थिति में बैंकों के निजीकरण की कोशिश हमारी अर्थव्यवस्था को पूरी तरह नष्ट कर देगा निजीकरण के खिलाफ अगले संघर्ष की घोषणा करते हुए ऐलान किया है कि सभी सेक्टर के मजदूर कर्मचारी हड़ताल करेंगे