रांची: शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे जेपीएससी अभ्यर्थियों को आधी रात्रि में जबरन उठाना और अनशन कर रहे अभ्यर्थियों को जबरदस्ती पुलिस के द्वारा उठाकर ले जाना सत्ता में बैठे आरएसएस एवम् संघी विचारधारा के पदाधिकारी लोगो की तानाशाही रवैया है जो बर्दाश्त के लायक नही है, जिसका विरोध किया जाएगा ।
उपरोक्त बातें आज झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष सह हटिया विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने कही ।इन्होंने यह भी कहा की इससे यह स्पष्ट हो गया है कि यह सरकार में बैठे आरएसएस एवम् संघी विचारधारा के अधिकारी लोग तानाशाह और लोकतंत्र विरोधी हो गई है. इस प्रकरण की जांच की जानी चाहिए की कौन लोग देश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवम् माटी की सरकार को बदनाम करने की साजिश रच कर सरकार को बदनाम करने की मुहिम चला रहे है ।
विजय शंकर नायक ने साफ शब्दो में कहा की कुछ आरएसएस एवम् संघी विचारधारा से ओत प्रोत पदाधिकारी लोग हेमंत सरकार को सत्ता में बैठे नही देखना चाह रहे है और वे ऐसी हरकत का अंजाम दे रहे है जिससे सरकार की बदनामी हो और यह सरकार अलोकप्रिय हो जाए इसपर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को ध्यान देना चाहिए ।
इन्होंने यह भी कहा की जेपीएससी के चेयरमैन अमिताभ चौधरी को जनता और छात्रों के मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। अमिताभ चौधरी भ्रष्टाचार में पूरी तरह से लिप्त है उनसे यह आशा नही की जा सकती की उनके कार्यकाल में जेपीएससी भ्रष्टाचार और कदाचार मुक्त परीक्षा लेगा। झारखंड के सीएम को तुरंत उन्हें पद से हटा देना चाहिए । इन्होंने यह भी कहा की आरएसएस एवम् संघी मानसिकता वाले सरकार में बैठे पदाधिकारी लोग अब जनता को संविधान द्वारा मिले मौलिक अधिकारों की भी धज्जियां उड़ा रहे है और शांतिपूर्वक आंदोलन करने का अधिकार जो जनता का मौलिक अधिकार है की वे शांतिपूर्वक आंदोलन करे मगर यहां तो छात्रों को खदेड़ कर उठाकर ले जाना यह साफ-साफ मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। जिसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को संज्ञान लेना चाहिए। जिस उम्मीद से हेमंत सोरेन की सरकार को यहां के झारखंडी समाज एवम् छात्र बेरोजगार युवाओं ने बनाया था उसका जस्ट उल्टा पदाधिकारी लोग कर रहे है । अगर जेपीएससी सही है तो सभी के ओएमआर शीट को क्यों अपलोड नहीं कर रही है। अगर सरकार के पदाधिकारी सही है तो जेपीएससी परीक्षा की जांच क्यों नहीं करा रही है। यानी कि स्पष्ट है कि जेपीएससी ने भ्रष्टाचार किया है, अब बहुत विवाद बड़ रहा है. इसलिए झारखंडी सूचना अधिकार मंच भी हेमंत सोरेन से मांग करता है की यह परीक्षा को रद्द करे तथा इसकी जांच हो एवम् अमिताभ चौधरी को तत्काल हटाया जाए ।