रांची: झारखंड में अभी ओमिक्रोन वैरिएंट का कोई मामला सामने नहीं आया है,इसका मतलब यह नही की सरकार चैन की नींद सो जाए । दुख: और आक्रोश का विषय है की झारखंड में नए कोविड-19 ओमीक्रोन की जांच की व्यवस्था अभी तक नहीं है. ऐसे में संदगिध मरीजों का सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर भेजे जाएंगे .वहां भी एक महीना से पहले रिपोर्ट मिलने की संभावना नहीं होती है.जबकि राज्य के दो मेडिकल कॉलेज रिम्स और एमजीएम में जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए मशीन की खरीदारी के प्रस्ताव को 8 माह पहिले ही स्वीकृति दी गई थी. लेकिन यह मशीनें अब तक नहीं खरीदी गई जो राज्य की जनता के लिए चिंता का विषय है। राज्य सरकार तुरंत यह मशीन खरीदे और ओमिक्रोन वैरिएंट से निबटने के लिए अपना युद्ध स्तर पर तैयारी पूरी करे ले अभी से ही ताकि कोरोना वायरस ओमिक्रॉन वैरिएंट से आसानी से निपटा जा सके ।
उक्त बातें आज झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष सह हटिया विधानसभा चुनाव क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने आज कही।इन्होंने कहा कि हालांकि अभी प्रदेश में कोई मामले नहीं आए हैं, लेकिन कोई नहीं जानता कि कब मामले बढ़ जायें. यही वजह है कि राज्य में प्रतिदिन अधिक से अधिक परीक्षण कराया जाए और युद्ध स्तर पर वैक्शीनेशन किया जाय ताकि ओमिक्रॉन का प्रसार ना हो इसके लिए एहतियात तो बरता ही जाना चाहिए साथ ही साथ आमलोगों को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए ।
श्री नायक ने आगे कहा की गौरतलब हो कि कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा देश में दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. अबतक देश में ओमिक्रॉन के 161 मामले सामने आज आ चुके हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं जहां अबतक 54 मामले सामने आ चुके हैं । इन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन से निपटने के लिए मुझे ही नही राज्य की जनता को भी हेमंत सरकार पर विश्वास है की इस संकट में हेमंत सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस संकट से निपटने में कामयाब होगी ।
विजय शंकर नायक ने यह भी के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर सरकार पूरी तरह से सतर्कता बरते और युद्ध स्तर पर अपनी तैयारी रखे तथा इससे निपटने के लिए कोई कोर कसर नही छोड़ा जाए बीच बीच में की गई सभी तैयारी की समीक्षा भी खुद मुख्यमंत्री करते रहे ताकि इस महामारी से आमजनो की जान माल की रक्षा हो और आए इस संकट महामारी से जनता सुरक्षित रह सके ।
विजय शंकर नायक ने यह भी आगे कहा की एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि अगर थोड़ी भी लापरवाही बरती गई तो तीसरी लहर भी आ सकती है और परिणाम इसके गंभीर भी हो सकते है और जनता को काफी जान माल की खतरा हो सकती है।अगर समय रहते इन बिंदुओं पर गंभीरता से नहीं सोचा गया तो आम जनों को इस महामारी से नही बचाया जा सकता है।