रांची: 11 माह और 17 दिन में राज्य में 3 करोड़ कोविड डोज पूरा होना राज्य एवम् देश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के करिश्माई नेतृत्व क्षमता का पहचान है ।इस महानतम सफलता के लिए देश के लोकप्रिय क्षमतावान,ऊर्जावान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंडी सूचना अधिकार मंच तहे दिल से बधाई देता है ।
उपरोक्त बातें आज झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष सह हटिया विधानसभा चुनाव क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने आज11 माह 17 दिन में राज्य में 3 करोड़ कोविड डोज का टीकाकरण झारखंडी समाज को दे देने पर आज अपनी प्रतिक्रिया में कहीं ।इन्होंने यह भी आगे कहा की झारखंड में कोरोना के तेजी से बढ़ते आंकड़ों के बीच एक राहत वाली खबर यह रहा की राज्य में अब कम व्यक्ति ही कोरोना के टीका से वंचित रह गए है ।
विजय शंकर नायक ने राज्य के मुख्यमंत्री से मांग किया की जल्दी बाकी बचे आबादी को युद्ध स्तर पर टीकाकरण कराया जय और झारखंड राज्य को सम्पूर्ण टीकाकरण वाला राज्य बनने का इतिहासिक मौका दे । इन्होंने यह भी कहा की राज्य की जनता के लिए यह सुखदायक खबर है की आज झारखंड ने 3 करोड़ डोज का आंकड़ा पार कर अपने लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में लगातार बड़ रहा हैं।
विजय शंकर नायक ने आगे बताया कि राज्य में 3 करोड़ 52 हजार 1 सौ 83 डोज(प्रथम और द्वितीय) मिलाकर हो गए हैं,इसमें प्रथम 1 करोड़ 86 लाख 81 हजार 4 सौ 12 एवं दूसरा डोज 1 करोड़ 13 लाख 70 हजार 7 सौ 71 हैं।
इन्होंने राज्य की समस्त जनता से अनुरोध करते हुए कहा कि सभी लोग कोविड टीकाकरण अभियान को एक उत्सव के रूप में लेकर युद्ध स्तर पर अपनी भागीदारी निभाएं , जिन्होंने अभी तक एक भी डोज नही लिया है वे अविलंब राज्य सरकार द्वारा निर्धारित टीका केंद्र में जाकर टीका ले और जिन्होंने पहला डोज ले लिया है वे भी ससमय दूसरा डोज ले ले ताकि करोना रूपी महामारी से वे खुद और राज्य की जनता को बचा सके।
विजय शंकर नायक ने यह भी कहा की स्मरण हो कि राज्य में 5 अगस्त 2021 को 1 करोड़ डोज, 24 अक्टूबर 2021 को 2 करोड़ डोज, 20 दिसंबर 2021 को 1 करोड़ लोगों को दोनों डोज और 3 जनवरी 2022 को 3 करोड़ डोज का टीकाकरण पूरा किया गया है जो राज्य की जनता के लिए गर्व का विषय है की सीमित संसाधन के बावजूद भी हेमंत सोरेन के सफल नेतृत्व में 11 माह और 17 दिन में इस आंकड़े को प्राप्त किया है जबकि शुरुआत के दिनों में केंद्र की भाजपा सरकार ने झारखंड को कम मात्रा में दवा उपलब्ध कराई जा रही थीं उसके बावजूद भी लक्ष्य हासिल करना यह एक सफल नेतृत्व का पहचान है ।