सहारा इंडिया और सेबी विबाद मामले मे 9 और 10 जनवरी को हुई सुनवाई के आदेश की प्रति आ गई है। हालांकि बेंच 7 में सुनवाई अभी अनवरत जारी रहेगी जब तक कि कोर्ट किसी नतीजे पर न पहुच जाती है। आदेश की प्रति सार्वजनिक होते हीसोशल मीडिया पर चल रहे कि अफवाओं पर विराम लग गया है। मीडिया में भी खबरें चलाई जा रही थी कि कोर्ट ने सहारा इंडिया को 8000 करोड़ रुपए की रकम सेबी के खाते में जमा करने को कहा गया है, लेकिन यह बात बिल्कुल झूठ और अफवा निकली है। कोर्ट का ऐसा कोई आदेश अब तक प्राप्त नहीं हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने IA मामले के अपने आदेश मे सभी को चार सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने को कहा है और 2015 से लेकर 2022 तक की लगभग 18 सभी याचिकाओ को नोटिस जारी किया है सबसे बडी बात कि उसने कहा है कि मामले अब देर नही होगी सभी याचिका वालो को आदेश दिया है और साफ रूप से अपने आदेश मे 18,19,20अप्रैल,2023 मे हेयरिंग का आदेश दिया है दिलली हाईकोर्ट को भी कुछ आदेश दिये गये है ।
कोर्ट के आदेश को यहां हिंदी में संक्षेप में बताया जा रहा है।
देरी को कम करने और सुनवाई में तेजी लाने के लिए, हम निर्देश देते हैं कि,
सभी अपवादों और कार्यालय आपत्तियों के अधीन, सूचना दें।
अपंजीकृत सहित सभी लंबित आवेदनों में जारी किए गए
अनुप्रयोग।
दस्ती सहित सभी माध्यमों से नोटिस जारी किए जाएंगे।
जवाबी हलफनामा/जवाब सेवा की तारीख से चार सप्ताह के भीतर दायर किया जाएगा।
प्रत्युत्तर हलफनामा, यदि कोई हो, चार सप्ताह के भीतर दायर किया जाएगा।
प्रतिशपथपत्र/जवाब की तामील की तारीख से।
जवाबी हलफनामे के साथ आवेदनों की प्रति /
उत्तर और प्रत्युत्तर हलफनामा, यदि कोई हो, पर तामील किया जाएगा
विद्वान न्यायमित्र, श्री शेखर नफड़े, वरिष्ठ अधिवक्ता,
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के विद्वान वकील
(सेबी) और सहारा समूह की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता।
विद्वान न्यायमित्र, श्री शेखर नफड़े, वरिष्ठ
एडवोकेट, एक एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड नियुक्त करेगा, जो एक के रूप में कार्य करेगा।
नोडल अधिवक्ता और रसद समन्वयक। एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, इसलिए
नियुक्त, भुगतान किया जाएगा, जेब से और विविध व्यय
बनाए गए बिलों/चालानों के अनुसार, और रु.10,000/- प्रति उपस्थिति
कोर्ट। इसके अलावा, विद्वान एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड को भुगतान किया जाएगा
पठन और तैयारी शुल्क के रूप में रु. 40,000/- (समेकित)। शुल्क होगा
सेबी के पास उपलब्ध धन/फंड से भुगतान किया जाएगा।
18, 19 और 20 अप्रैल को सुनवाई और बहस के लिए दोबारा सूची
2023.
एसएलपी (सी) एनओएस। 16009-16010/2022
उभय पक्षों के विद्वान अधिवक्ता ने संयुक्त रूप से कहा है कि
वर्तमान विशेष अनुमति याचिकाओं को निष्फल कर दिया गया है
बाद के आदेशों और घटनाक्रमों को देखते हुए।
दिए गए बयान के मद्देनजर विशेष अनुमति याचिकाएं हैं
निष्फल बताकर खारिज कर दिया। यह बर्खास्तगी बिना किसी पूर्वाग्रह के है
इस न्यायालय के समक्ष लंबित अन्य मामले।
इसके अलावा पक्षकार द्वारा पारित अन्य आदेशों को चुनौती दे सकते हैं
उच्च न्यायालय यदि वे ऐसा करना चाहते हैं और कानून के अनुसार ऐसा करने का विकल्प चुनते हैं। हाईकोर्ट से अनुरोध है कि मामले का निस्तारण किया जाए
जितनी जल्दी हो सके।
लंबित आवेदन, यदि कोई हो, का निस्तारण किया जाएगा।
डब्ल्यूपी (सी) संख्या 877/2018
दस्ती सहित सभी माध्यमों से नोटिस जारी करें।
जवाबी हलफनामा/जवाब चार सप्ताह के भीतर दायर किया जाएगा।
प्रत्युत्तर हलफनामा, यदि कोई हो, चार सप्ताह के भीतर दायर किया जाएगा
प्रतिशपथपत्र/जवाब की सेवा से।
रिट याचिका की कॉपी, जवाबी हलफनामा/जवाब और
प्रत्युत्तर हलफनामा, यदि कोई हो, विद्वान न्यायमित्र को तामील किया जाएगा
क्यूरी, श्री शेखर नफडे, वरिष्ठ अधिवक्ता, जो प्रस्तुत कर सकते हैं
एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड के माध्यम से लिखित नोट/प्रस्तुतियाँ।
18, 19 और 20 अप्रैल 2023 को पुनः सूची।
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बता दें कि 9 जनवरी से सभी सोशल मीडिया और कई न्यूज़ पोर्टलों पर यह अफवा फैलाई जा रही थी कि कोर्ट ने सहारा इंडिया को 8000 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया है। मगर आदेश की कॉपी सार्वजनिक होने के बाद अफवाओं पर विराम लग गया है।