केस लड़ने का खर्च सेवी एकाउंट से देने का निर्देश, दिल्ली हाइकोर्ट द्वारा जमा और रिनुअल पर रोक हट सकती है
सहारा इंडिया कर SC का रुख नरम नजर आया। अपने आदेश में SC ने सुब्रत राय को अवमानना के केस में कोई मर्सी नहीं करने की ठान ली है लेकिन सहारा सेबी विवाद में सहारा इंडिया और निवेशकों के लिए बड़ी राहत की खबर है। ऐसा कह सकते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने सहारा इंडिया के हाथ पैर खोल दिये हैं। केवल सम्पतियों पर से रोक हटाना बाकी हैं।
जमा और रिनुअल पर रोक हट सकती है
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली HC को भी के निर्देश दिए है। यह भी चर्चा में है कि हाई कोर्ट दिल्ली के द्वारा नए जमा और रिन्यूअल लेने पर रोक जो लगी हैं उसकी भी अंतिम सुनवाई 30-31 जनवरी 2023 को हो सकती है। जिसमे दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक हटने की संभावना हैं पूर्व में भी इस मामले को लेकर सी. आर.सी.को 19 दिसंबर 2022 की सुनवाई में कड़ी फटकार लग चुकी है।
सेबी एकाउंट से पैसा खर्च करने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट करते हुए केस लड़ने के लिए दिशा निर्देश दिए है। क्या फीस होगा, फीस कैसे चुकाया जाएगा यह सभी कोर्ट के आदेश में बताया गया है साथ ही कोर्ट फीस के खर्चे के लिए सेबी एकाउंट से पैसे खर्च किये जा सकते हैं।
अवमानना के केस में कोई राहत नहीं
कोर्ट ने अवमानना के केस आई .ए के लिए अगली तारीख अप्रैल 2023 में लिस्टिंग कर ली गई है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के बेंच 7 में मामलों की सुनवाई लगातार जारी रहेगी। अब सहारा इंडिया को यह तय करना है कि वो किस केस को पहले आगे बढ़ती है। कोर्ट ने एक एक कर जल्द से जल्द सभी केसों पर सुनवाई करने का निर्देश जारी किया है। हालांकि इस मामले में कोर्ट ने अभी सेबी को किसी तरह का कोई आदेश नहीं दिया है।
8000 करोड़ रुपये वाली बात एक अफवा
9 जनवरी से ही कई सोशल मीडिया में यह अफवा फैलाई जा रही थी कि कोर्ट ने सहारा इंडिया को 8000 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया है। लेकिन आदेश प्राप्त होने के बाद यह बात एक अफवा निकली। कोर्ट के आदेश में कहीं भी 8000 करोड़ रुपये का कोई जिक्र नहीं है।

क्या कहते है सहारा इंडिया के अधिकारी
सहारा इंडिया परिवार के अधिकारियों का कहना है माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कापी आ गई है और उसके आदेश मे सोशल मीडिया पर जो चल रहा है उसका एक शबद भी नही है इसलिये हम बार बार कहते है कि अपने आप को उनसे दूर रखो वो आपके आँसुओं के सौदागर है आपकी तकलीफ को नही जान सकेगें खैर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश मे सभी को चार वीक मे हलफनामा दाखिल करने को कहा है और 2015 से लेकर 2022 तक की लगभग 18 सभी याचिकाओ को नोटिस जारी किया है सबसे बडी बात कि उसने कहा है कि मामले अब देर नही होगी सभी याचिका वालो को आदेश दिया है और साफ रूप से अपने आदेश मे 18,19,20,04,2023 मे हेयरिंग का आदेश दिया है दिलली हाईकोर्ट को भी कुछ आदेश दिये गये है इसलिये आँख बंद करके सोशल मीडिया के पीछे भागना बंद कर दो हम आप सभी से बहुत निराश है इतना समझाने के बाबजूद इतना बचाने के बाद भी ठोकर लग ही जाती है चाहे कुछ भी आगे ऐसा नही करेगे ऐसा हमे भरोसा है

सहारा इंडिया के अधिकारियों को पहले ही अफवा फैलने की आशंका थी, कोर्ट के आदेश आने के पहले ही जारी किया था खुला पत्र
सहारा प्रणाम
सहारा इंडिया परिवार के मेरे प्यारे कर्तव्ययोगी साथियों आज माननीय सुप्रीम कोर्ट की सूचना के लिए तमाम प्रकार के संसाधन लोग उपयोग कर रहे हैं और अपनी संस्था से भी यह उम्मीद लगाए हुए हैं कि वह कुछ सर्कुलर के माध्यम से जानकारी प्रदान करें आदरणीय जब तक संस्था माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बंधन में है तब तक वह कोई भी अपडेट नहीं देगी क्योंकि इसके लिए हम खुद ही जिम्मेदार हैं एक छोटा सा सर्कुलर अगर जारी होता है तो उसको पूरे हिंदुस्तान की सोशल मीडिया वाले अपने इनकम का साधन बना लेते हैं और उस सर्कुलर के शब्दों को तोड़कर अपने हिसाब से लोगों को बेवकूफ बनाते हैं इसलिए किसी प्रकार की संस्थागत जानकारी कहीं से नहीं मिलेगी और वह तभी मिलेगी जब आपकी जीत सुनिश्चित हो जाएगी और इसके लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार करना ही होगा और कोई रास्ता नहीं है और आंदोलन सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ हो नहीं सकता इसलिए सभी साथी धैर्य बनाकर रखें निश्चित रूप से इतने दिनों बाद अगर सुनवाई शुरू हुई है तो उसका परिणाम भी सकारात्मक ही होगाऔर हमने तो आज सुबह ही यह कहा था कि अभी फिलहाल कोई उम्मीद ना करें लेकिन कुछ लोगों ने इसको सही नहीं समझा जब तक माननीय सुप्रीम कोर्ट का आदेश अपडेट नहीं होता आप सभी लोग थोड़ा धैर्य बनाएं सही जानकारी वहीं से मिलेगी।