प्रेस इंफारमेशन ब्यूरो या सरकार द्वारा तथ्यों की जांच के लिए अधिकृत किसी अन्य एजेंसी या सरकार के किसी विभाग द्वारा फर्जी या गलत (फेक या फाल्स) चिह्नित किसी भी सूचना को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। इसके बाद इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों या अन्य आनलाइन इंटरमीडयरी को यह सुनिश्चित करने के तार्किक प्रयास करने होंगे कि यूजर्स ऐसी सूचनाएं होस्ट, डिस्प्ले, अपलोड, मोडिफाई, पब्लिश, ट्रांसमिट, स्टोर, अपडेट या शेयर नहीं कर पाएं।सूत्रों के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर फेक न्यूज की भरमार है। कई यूजर्स के अकाउंट और यूट्यूब चैनलों पर भी सरकार ने इसी वजह से पिछले दिनों गाज गिराई है। फेक न्यूज पर अब प्रभावी रोक के लिए आईटी नियमों में संशोधन करने की तैयारी है। सरकार ने इसके लिए जिस मसौदा प्रस्ताव को जारी किया है, उसमें कहा गया है कि प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) या सरकार की तरफ से तथ्यों की जांच के लिए किसी एजेंसी या किसी विभाग की तरफ से फेक न्यूज या जानकारी को चिन्हित किया जाएगा। इसके बाद संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से उसे हटाना होगा। सोशल मीडिया इंटरमीडियरी को ये सुनिश्चित भी करना होगा कि ऐसी फेक जानकारी या खबर होस्ट, डिस्प्ले, अपलोड, मॉडिफाई, पब्लिश, ट्रांसमिट, स्टोर, अपडेट या शेयर न किए जा सकें।









