बेरोजगारी पर मोहन भागवत ने कहा की?मोहन भागवत ने कहा लोग अपने जीवन को चलाने के लिए किसी भी तरह का काम करें, लोगों को उनका सम्मान करना चाहिए। श्रम के लिए सम्मान की कमी समाज में बेरोजगारी के प्रमुख कारणों में से एक है। काम के लिए चाहे शारीरिक श्रम की आवश्यकता हो या बुद्धि की, चाहे इसके लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता हो या सॉफ्ट कौशल की सभी का सम्मान किया जाना चाहिए।आज के समय में हर कोई नौकरी के पीछे भागता है, देश में सरकारी नौकरियां केवल 10 प्रतिशत के आस-पास हैं, जबकि अन्य नौकरियां लगभग 20 प्रतिशत हैं। दुनिया का कोई भी समाज 30 प्रतिशत से अधिक नौकरियां उत्पन्न नहीं कर सकता। इसलिए समाज को जिस कार्य में श्रम की जरूरत होती है, उसका सभी को सम्मान करना चाहिए। देश में ऐसे बहुत से किसान हैं जो खेती से बहुत अच्छी आय अर्जित करने के बावजूद विवाह करने के लिए संघर्ष करते हैं। देश में आज की स्थिति विश्वगुरु बनने के अनुकूल है। इस समय देश में कौशल की कोई कमी नहीं है।