सोमवार को सीरिया और तुर्की की सीमा पर आए ज़बरदस्त भूकंप में अबतक 3,700 से अधिक लोगों के मारे जाने की ख़बर है. करीब 7000 से ज्यादा घायल हुए हैं.
भूकंप का केंद्र गजियानपेट पाया गया. गाज़ियानटेप क़स्बे के पास भूकंप का तगड़ा झटका महसूस किया गया.इसका केंद्र अपेक्षाकृत उथला, क़रीब 18 किलोमीटर नीचे था, जिसकी वजह से ज़मीन पर खड़ी इमारतों को गंभीर नुकसान पहुंचा. इसके बाद क़रीब में ही दूसरा झटका आया. और फिर तीसरी बार धरती हिली.
ये ऐसा इलाक़ा है जहां पिछले 200 साल से कोई बड़ा भूकंप या ऐसा कोई ख़तरनाक संकेत नहीं आया था. इसलिए यहां उन इलाक़ों के मुक़ाबले कम तैयारी थी, जहां भूकंप के झटके आते रहते हैं.
ये बहुत बड़ा झटका था. लेकिन पृथवी पर सबसे अधिक स्केल के भूकंप 9.5 तक आंका गया है. गाज़ियानटेप के पास भूकंप की तीव्रता 7.8 थी.
पिछले दस सालों में इस तीव्रता के सिर्फ़ दो और उससे पहले के दशक में चार भूकंप दर्ज किए गए. लेकिन शक्तिशाली झटके के कारण ही इतने बड़े पैमाने पर तबाही मची है. ये भूकंप के झटके सोमवार को सुबह आए, जब लोग घरों के अंदर थे और सो रहे थे.
भूकंप आने का क्या कारण है?
धरती का अंदरूनी हिस्सा अलग-अलग प्लेटों से बना होता है, जो एक दूसरे से सटी होती हैं. अक्सर ये प्लेटें खिसकती हैं और पास की प्लेटों से घर्षण होता है. कभी कभार तनाव इतना बढ़ जाता है कि एक प्लेट, दूसरी पर चढ़ जाती है या इनमें कुछ ज्यादा मूवमेंट हो जाता हूं जिससे सतह पर भी हलचल होती है.
प्लेट के बीच घर्षण ही अतीत में भी विनाशकारी भूकंपों का कारण रहा है. इसकी वजह से 13 अगस्त 1822 को 7.4 तीव्रता का भूकंप आया था जो सोमवार को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से काफ़ी कम है. यहां तक कि 19वीं शताब्दी में आए भूकंप से इस इलाक़े के क़स्बों में भारी तबाही मची थी, जिसमें सिर्फ़ अलेप्पो में ही 7,000 लोगों की मौत दर्ज की गई थी.
भूकंप कैसे मापा जाता है
अब भूकंप मूमेंट मेग्निट्यूड स्केल पर मापे जाते हैं.
2.5 या उससे कम तीव्रता का भूकंप तो महसूस ही नहीं होता. लेकिन उपकरणों से उसे भी मापा जा सकता है. करीब पांच की तीव्रता वाले भूकंप महसूस किए जा सकते हैं और उनसे मामूली नुकसान ही होता है. आठ से ऊपर की तीव्रता वाले भूकंप भयानक तबाही मचाते हैं और उनकी चपेट में आए समुदाय पूरी तरह से तबाह हो जाते हैं.
जापान के तट पर साल 2011 में आये भूकंप की तीव्रता 9 थी. इससे जापान में भारी तबाही हुई. बाद में भूकंप के वजह से सूनामी की लहरें उठीं और तबाही मचाती गईं.
इसकी वजह से जापान का एक परमाणु संयंत्र भी ख़तरे की ज़द में आ गया था. अब तक का सबसे भूकंप चिली में 1960 में दर्ज किया गया है. इसकी तीव्रता 9.5 बताई गई थी.