आपने ओजोन शब्द सुना होगा, क्या आपको पता है, यह क्या है? नहीं तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार, वातावरण में ओजोन बहुत कम मात्रा में ही मौजूद है। फिर भी, यह मानव कल्याण के साथ-साथ कृषि और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।पृथ्वी का अधिकांश ओजोन समताप मंडल (स्ट्रेटोस्फीयर) में रहती है, यह वायुमंडल की वह परत है जो सतह से 10 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर है। वायुमंडलीय ओजोन का लगभग 90 फीसदी समतापमंडलीय “ओजोन परत” में है, जो सूर्य द्वारा उत्सर्जित हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से पृथ्वी की सतह को बचाता है। ओजोन परत चार दशकों के अंदर खुद को हुए नुकसान की भरपाई करने की राह पर है, लेकिन इस अवधि में रॉकेट प्रक्षेपण में अधिक बढ़ोतरी की संभावना इस प्रगति पर पानी फेरते हुए इसे फिर से पहले के स्तर पर पहुंचा सकती है. ओजोन परत सूर्य की पराबैगनी किरणों (यूवी) से धरती पर जीवन की रक्षा करती है. इसके परिणाम स्वरूप एक वैश्विक संकट तो टल गया, लेकिन वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग तेजी से बढ़ रहा है और सालाना प्रक्षेपित किए जाने वाले रॉकेट की संख्या बढ़ती जा रही है. रॉकेट प्रक्षेपण से उत्सर्जित होने वाली गैसें और ‘पार्टीकुलेट’ वायुमंडल में पहुंचकर ओजोन परत को हुए नुकसान की भरपाई की अवधि को लंबा कर सकते हैं.