विदेशी आक्रमणकारियों के नाम पर पर रखे गए शहरों, सड़कों, इमारतों और संस्थानों के नाम बदलने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की कठोर टिप्पणी-
जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि, भारत आज एक धर्मनिरपेक्ष देश है. आपकी उंगलियां एक विशेष समुदाय पर उठाई जा रही हैं, जिसे बर्बर कहा जा रहा है. क्या आप देश को उबलते हुए रखना चाहते हैं. हम धर्मनिरपेक्ष हैं और संविधान की रक्षा करने वाले हैं. आप अतीत के बारे में चिंतित हैं और वर्तमान पीढ़ी पर इसका बोझ डालने के लिए इसे खोद रहे हैं. इस तरीके से और अधिक वैमनस्य पैदा होगा. भारत में लोकतंत्र कायम है.
जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा, हिंदुत्व एक जीवन पद्धति है, जिसके कारण भारत ने सभी को आत्मसात कर लिया है. उसी के कारण हम साथ रह पाते हैं. अंग्रेजों की बांटों और राज करो की नीति ने हमारे समाज में फूट डाल दी.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर देश में विदेशी आक्रमणकारियों के नाम पर शहरों, सड़कों, इमारतों और संस्थानों के नाम बदलने के लिए आयोग बनाने मांग की गई थी. याचिकाकर्ता वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका में हजार से ज्यादा नामों का हवाला दिया गया. री- नेमिंग कमीशन बनाने का आदेश जारी करने की अपील के लिए दाखिल इस याचिका में संविधान के अनुच्छेद 21, 25 और 29 का हवाला देते हुए ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने की बात भी कही गई.
इस सिलसिले में औरंगजेब रोड, औरंगाबाद, इलाहाबाद, राजपथ जैसे कई नामों में बदलाव कर उनका स्वदेशीकरण करने का जिक्र किया गया. ऐतिहासिक गलतियों को ठीक करने के लिए अश्विनी उपाध्याय ने कोर्ट के कई निर्णयों का भी उल्लेख किया.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा, भाईचारे के सुनहरे सिद्धांत का सबसे अधिक महत्व है और इसे प्रस्तावना में उचित रूप से स्थान मिला है. इसका अर्थ है कि सद्भाव ही देश की एकजुटता का नेतृत्व करेगा. इसलिए, हमारा विचार है कि मांगी गई राहत इस न्यायालय द्वारा प्रदान नहीं की जा सकती है जो कि संविधान का संरक्षक है.
जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा, भारत आज एक धर्मनिरपेक्ष देश है. हम धर्मनिरपेक्ष हैं और संविधान की रक्षा करने वाले हैं. मेटाफिजिक्स के हिसाब ये हिंदू धर्म सबसे बड़ा धर्म है. दुनिया हमेशा हमें देखती है. मैं कह सकता हूं कि मैं ईसाई हूं लेकिन हिंदू धर्म से भी उतना ही प्यार करता हूं. इसका अध्ययन करने का प्रयास किया है.
जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि, हिंदुत्व एक जीवन पद्धति है, जिसके कारण भारत ने सभी को आत्मसात कर लिया है. उसी के कारण हम साथ रह पाते हैं. अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति ने हमारे समाज में फूट डाल दी. वह वापस नहीं होना चाहिए. इसमें किसी धर्म को मत घसीटिए.