ओडिशा के मंत्री ने कहा, ‘भूविज्ञान निदेशालय और जीएसआई द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में क्योंझर, मयूरभंज और देवगढ़ जिलों में कई स्थानों पर सोने के भंडार की मौजूदी का पता लगा है। पिछले जीएसआई सर्वेक्षण ने ओडिशा के बारगढ़ जिले में विभिन्न स्थानों पर सोने के भंडार का पता लगाया था।
कुछ दिनों पहले ही भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने इलेक्ट्रिक वाहन और सोलर पैनल बनाने में अहम धातु लिथियम के 59 लाख टन भंडार का भी पता रियासी जिले में लगाया है।
लिथियम दुर्लभ संसाधनों की श्रेणी में आता है और पहले यह भारत में नहीं मिलता था, जिसकी वजह से भारत इसके शत-प्रतिशत आयात पर निर्भर था। अब जीएसआई द्वारा किए गए जी-3 (एडवांस) अध्ययन में पता चला है कि माता वैष्णो देवी तीर्थ की तलहटी में बसे सलाल गांव (रियासी जिले) में मौजूद लिथियम भंडार उच्च गुणवत्ता का है।
एक अधिकारी ने बताया कि सामान्य श्रेणी में लिथियम का ‘ग्रेड’ 220 पार्ट्स पर मिलियन (पीपीएम) का होता है, जबकि जम्मू-कश्मीर में मिले भंडार का लिथियम 550 पीपीएम से अधिक ग्रेड का है और यह भंडार करीब 59 लाख टन है जो लिथियम की उपलब्धता के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा।
इस्पात और खान मंत्री प्रफुल्ल मल्लिक ने सोमवार को राज्य विधानसभा में जानकारी दी कि ओडिशा के तीन जिलों के विभिन्न स्थानों पर सोने की खदानें मिली हैं।
ढेंकानाल के विधायक सुधीर कुमार सामल द्वारा पूछे गए एक लिखित प्रश्न के जवाब में, मंत्री ने कहा, ‘खान निदेशालय और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के सर्वेक्षणों ने देवगढ़, क्योंझर और मयूरभंज सहित तीन जिलों में सोने के भंडार की उपस्थिति का खुलासा किया है। ‘
मल्लिक के अनुसार ‘ये सोने के भंडार क्योंझर जिले में चार स्थानों पर, मयूरभंज जिले में चार स्थानों पर और देवगढ़ जिले में एक स्थान पर पाए गए हैं। ‘