बड़े अस्पताल भी अब अपना मेडिकल कॉलेज खोल सकेंगे. यह फैसला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की बैठक में लिया गया है.केंद्र सरकार ने देश के प्रतिभाशाली स्टूडेंट्स को देश में ही मेडिकल एजूकेशन की अतिरिक्त सीटें उपलब्ध कराने की दिशा में भी तैयारियां की हैं. इसके साथ ही देश में मेडिकल एजूकेशन को अफोर्डेबल बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनसे एमबीबीएस और स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रम शुरू करने का आग्रह किया है. इस कदम का उद्देश्य चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों को रोकना है. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि उम्मीद है कि निजी अस्पतालों के माध्यम से इस साल लगभग 1,500 अतिरिक्त मेडिकल सीटें उपलब्ध हो जाएंगी.