बिहार में RJD जिलाध्यक्षों की लिस्ट में मजबूत MY समीकरण की छाप, ब्राह्मण को जगह नहीं
भूमिहार से 1 व राजपूत से 2 जिलाध्यक्ष
आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने 47 जिलाध्यक्ष व 47 जिला संगठन के प्रधान महासचिव एवं 20 सदस्यीय प्रदेश कार्यसमिति के गठन की घोषणा की है। साथ ही युवा, महिला एवं छात्र प्रकोष्ठ के अध्यक्षों का भी मनोनयन किया है। आरजेडी की ओर से जारी जिलाध्यक्षों की लिस्ट में ब्राह्मणों को कोई जगह नही दी गई है वहीं माई (मुसलमान और यादव) समीकरण की बात करें तो MY का पूरा ख्याल रखा गया है।
सूची यहां देखें:-
राजद द्वारा जारी 47 जिलाध्यक्षों की सूची में शेखपुरा का जिला अध्यक्ष भूमिहार, व गोपालगंज एवं बाढ, पटना का अध्यक्ष राजपूत समाज से आने वाले नेता को बनाया गया है। जबकि 11 मुसलमान (4 अति पिछडा़ व 7 फारवर्ड) तथा 9 अति पिछड़ा वर्ग के नेताओं को स्थान दिया गया है।
आगामी चुनाव के लिए खुद को सबसे बेहतर विकल्प बताने वाली पार्टी RJD ने ब्राहणों की पूरी तरह उपेक्षा की है जबकि एक भूमिहार व दो राजपूतों को जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी देकर इन्हें भी अपमानित किया है। इससे तो यही लगता है की अपने पुराने नारे “भुराबाल” साफ करो पर RJD आज भी काम कर रही है। तभी भूमिहार से 1 व राजपूत से 2 जिलाध्यक्ष देकर संतुष्ट हो गयी है।
वहीं दूसरी ओर भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ० निखिल आनंद ने RJD द्वारा जारी बिहार के सभी जिलाध्यक्षों की सूची पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि उस सूची में ब्राह्मण- भूमिहार समाज के प्रति विद्वेषपूर्ण मानसिकता और मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति अपनाई गई है।
उन्होंने कहा कि अभी कुछ ही दिनों पहले राजद के लोग यादव समाज से दही जमवाकर, भूमिहार- ब्राह्मण समाज से चूड़ा जुटाकर दही- चूड़ा भोज मनाने की बात कर रहे थे। अब एक भी जिलाध्यक्ष ब्राह्मण- भूमिहार से न बनाकर उनको अपमानित कर रहे हैं। राजद एम-वाई समीकरण से से इंजन चलाने की बात करती है और वहीं राजपूत को झांसा देने एवं दलित- अति पिछड़ों से सिर्फ झोला-झंडा उठवाकर जयकारा लगवाना चाहती है।
खैर अभी चुनाव में तो वक्त है। तब तक भूमिहार, ब्राह्मण और राजपूत अपना अपमान भूल चुके होंगे।