जमीन फर्जीवाड़ा मामले में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन को जेल भेज दिया गया हूं। गिरफ्तारी के बाद आईएएस छवि रंजन को ईडी ने न्यायाधीश दिनेश कुमार राय के कोर्ट मे पेश किया था। ईडी ने कोर्ट से छवि रंजन की पांच दिनों की रिमांड मांगी थी। लेकिन कोर्ट ने उन्हें जेल भेजने का आदेश दे दिया। कोर्ट परिसर ने निकलते वक्त जब छवि रंजन गाड़ी में बैठ रहे थे वो भावुक दिखे और अपने आंसू पोछने लगे। छवि रंजन को बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा भेज दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार अब ईडी शनिवार को छवि रंजन की रिमांड के लिए कोर्ट से डिमांड करेगी।
बता दें कि ईडी ने बीते 24 अप्रैल को छवि रंजन से पूछताछ की थी। इस दौरान उनसे सबसे पहले सेना के कब्जेवाली जमीन की खरीद-बिक्री में उनकी भूमिका से संबंधित सवाल पूछा गया था। इसके बाद उनके खिलाफ बड़गाईं के अंचल अधिकारी मनोज कुमार द्वारा लगाये गये आरोपों के बारे में पूछा गया। सीओ मनोज कुमार ने पूछताछ में ईडी को बताया था कि उसे प्रदीप बागची द्वारा अंचल कार्यालय में जमा किये गये दस्तावेज पर संदेह था। लेकिन छवि रंजन की ओर से भारी दबाव व दंडित करने की धमकी देने के बाद प्रदीप बागची के पक्ष में रिपोर्ट भेजी गयी थी। इसके बाद जमीन की रजिस्ट्री हुई थी।
छवि रंजन ने इन आरोपों का खंडन किया और सेना की जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में सीओ सहित वहां के कर्मचारियों को दोषी बताया था।हालांकि वह दस्तावेज में जालसाजी कर सेना के कब्जेवाली जमीन की खरीद बिक्री के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों के आमने-सामने पूछताछ के दौरान ईडी के सवालों में उलझ गये थे। कुछ सवालों के जवाब में टाल मटोल और कुछ में चुप्पी साधकर उन्होंने इस पूरे प्रकरण में अपनी संदेहास्पद भूमिका को यकीन में बदल दिया था।