बालाजी डेस्क: ऑनलाइन फ्रॉड लेनदेन के लगातार बढ़ते मामलों के लेकर सरकार गंभीर दिख रही है। सरकार डिजिटल पेमेंट लेनदेन में अब एक बड़े बदलाव की तैयारीमें है। सरकार दो ऐसे लोगों के बीच पहली हार होने वाले ट्रांजैक्शन के लिए लगने वाले न्यूनतम समय को बढ़ाने पर विचार कर रही है। The Indian Express की खबर के अनुसार दो यूजर्स के बीच 2000 रुपये से ज्यादा के सभी डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन के लिए टाइम लिमिट 4 घंटे सेट हो सकता है।
उम्मीद है कि नई प्रक्रिया शुरू होने के बाद ऑनलाइन फ्रॉड पर लगाम लगे। हालांकि इससे डिजिटल पेमेंट्स में कमी आएगी लेकिन अधिकारियों का कहना है कि साइबरसिक्यॉरिटी की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी है। अगर यह प्लान फाइनल होता है तो Immediate Payment Service (IMPS), Real Time Gross Settlement (RTGS) और Unified Payments Interface (UPI) के जरिए होने वाली डिजिटल पेमेंट इस दायरे में आ सकती हैं।
2022-23 में सबसे ज्यादा डिजिटल पेमेंट फ्रॉड
गौर करने वाली बात है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में डिजिटल पेमेंट कैटिगिरी में बैंकों ने सबसे ज्यादा फ्रॉड नोटिस किए। इस बात की जानकारी RBI Annual Report 2022-23 में किया गया। वित्तीय वर्ष 2023 में बैंकिंग सिस्टम में कुल 13,530 फ्रॉड केस रजिस्टर हुए जिनमें 30,252 करोड़ रुपये की ठगी हुई। इनमें से करीब 49 प्रतिशत (6,659 केस) डिजिटल पेमेंट यानी कार्ड/इंटरनेट कैटिगिरी में हुए।