‘शिव की महान रात्रि’, अर्थात महाशिवरात्रि का त्यौहार भारत के आध्यात्मिक उत्सवों की सूची में सबसे महत्वपूर्ण है . सत्य ही शिव हैं और शिव ही सुंदर है. तभी तो भगवान आशुतोष को सत्यम शिवम सुंदर कहा जाता है. भगवान शिव की महिमा अपरंपार है. भोलेनाथ को प्रसन्न करने का ही महापर्व है शिवरात्रि जिसे त्रयोदशी तिथि, फाल्गुण मास, कृष्ण पक्ष की तिथि को प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है. महाशिवरात्रि पर्व की विशेषता है कि सनातन धर्म के सभी प्रेमी इस त्योहार को मनाते हैं.महाशिवरात्रि के दिन भक्त जप, तप और व्रत रखते हैं और इस दिन भगवान के शिवलिंग रूप के दर्शन करते हैं.महाशिवरात्रि के दिन शिवालय में भोलेनाथ को उनका प्रिय अस्त्र त्रिशूल चढ़ाएं. इससे शनि संबन्धी कष्ट दूर होते हैं. आज महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष व्रत का संयोग भी बन रहा है ऐसे में विशेषकर काली उड़द की दाल, काले तिल, सरसों का तेल दान करना चाहिए. ये शनि के दुष्प्रभाव में कमी लाता है. शनि को शांत करने के लिए आज निशिता काल मुहूर्त में गंगाजल में काला तिल डालकर महादेव का रुद्राभिषेक करें. अभिषेक के वक्त शिव सहस्रनाम का जाप करें.