बालाजी न्यूज़: आज सुहागिनों का पर्व करवा चौथ मनाया जा रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाओं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। यह निर्जला व्रत होता है। मतलब ये कि उनको पानी भी नहीं पीना होता है। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलती हैं। आजकल कुंवारी लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रखती है। उनका ऐसा मानना है कि इससे अच्छे वर की प्राप्ति होगी।
46 साल बाद ग्रहों को विशेष संयोग
करवा चौथ का व्रत सालों बाद कई संयोग लेकर आ रहा है जिसने इस दिन की अहमियत को और बढ़ा दिया है। इस बार करवा चौथ व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग, बुधादित्य और महालक्ष्मी योग में मनाजा जा रहा है। 23 अक्टूबर 1975 के बाद यह स्थिति बनी है। ऐसा संयोग 46 साल बाद ग्रहों को विशेष संयोग से बना है।
करवा चौथ 2022 पूजा मुहूर्त
कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि 13 अक्टूबर 2022, सुबह 01.59 से शुरू होगी। चतुर्थी तिथि का समापन 14 अक्टूबर 2022 को सुबह 03.08 पर होगा। करवा चौथ की पूजा शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए. 13 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 01 मिनट से रात 07 बजकर 15 मिनट तक पूजा की जा सकती है. महिलाओं को पूजा के लिए पूरा 1 घंटा 14 मिनट का समय मिलेगा।
करवा चौथ की पूजा कैसे करें
- सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें, सास या जेठानी के जरिए दी सरगी का सेवन करें
- फिर निर्जल व्रत का संकल्प लें
- शिव परिवार की विधि-विधान से पूजा करें
- सायंकाल 16 श्रृंगार करने के बाद घर के ईशान कोण या किसी मंदिर में जाकर करवा चौथ की पूजा करें
- शुभ मुहूर्त में पूरे विधि विधान से शिव परिवार और करवा माता की पूजा करें फिर व्रत की कथा सुनें
- चंद्रोदय के समय उत्तर पश्चिम दिशा में मुख कर चंद्रमा की पूजा करें। करवे से अर्घ्य दें और फिर छलनी से चांद को देखने के बाद पति को देखें
- इसके बाद पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तोड़ा जाता है