नई दिल्ली.साल 2019 में केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखरजी को ईको पर्यटन स्थल घोषित करने का एलान किया था. इसकी सिफारिश झारखंड सरकार की तरफ से की गई थी. जिसके बाद फरवरी 2022 में राज्य सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी और सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया गया. इस दौरान पर्यटन स्थल के आसपास शराब और मांस की दुकाने खोलने की भी इजाजत दे दी गई, जिसके बाद पूरा विवाद शुरू हुआ और जैन समाज ने आंदोलन खड़ा कर दिया. बता दें कि सम्मेद शिखरजी जैन समुदाय का एक पवित्र स्थल है.
सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय महत्व वाला पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के खिलाफ जैन समाज लगातार प्रदर्शन कर रहा था, जिसके बाद अब केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है.केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया है कि पर्यटन, इको टूरिज्म गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी गई है. उन्होंने ये भी बताया कि पारसनाथ क्षेत्र में शराब, तेज आवाज में गाने और मांस की बिक्री पर भी पाबंदी लगाई जा रही है. इस फैसले के बाद जैन समाज ने खुशी जताई है और सरकार का आभार जताया है.दरअसल पिछले लंबे समय से देशभर में जैन समाज के लोग आंदोलन कर रहे थे, उनकी मांग थी कि झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ की पहाड़ी में स्थित सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले को वापस लिया जाए. क्योंकि वहां मांस और शराब की बिक्री होने लगी है. इसे लेकर जैन समाज के तमाम पदाधिकारियों ने पर्यटन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की. जिसके बाद उन्होंने जैन समाज को भरोसा दिलाया कि उनकी धार्मिक भावनाओं का खयाल रखा जाएगा.