गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी के मौके पर गांधी गोडसे एक युद्ध फिल्म को रिलीज किया जाएगा। अभी तक फिल्म में महात्मा गांधी और उनके विचारों को पेश किया गया है। इस फिल्म के माध्यम से नाथूराम गोडसे के भी विचारों को भी जानने की कोशिश की गई है।
निदेशक राजकुमार संतोषी की फिल्म गांधी गोडसे एक युद्ध फिल्म पर मध्य प्रदेश में विवाद शुरू हो गया है। फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को भोपाल में फिल्म निर्देशक का पुतला फूंका और टॉकीज संचालकों को फिल्म के प्रदर्शन करने पर चेतावनी दी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि पूरी भाजपा महात्मा गांधी की बात करती है। प्रधानमंत्री गुजरात से आते हैं। राष्ट्रपिता कहते हैं। ये दोहरा मापदंड क्यों? सेंसर बोर्ड ने इसे पास कैसे कर दिया। उन्होंने कहा कि देश में सेंसर बोर्ड नाम की कोई चीज नहीं है। जैसा केंद्र की भाजपा सरकार बोलती है, वो चीजें पास होती हैं। मुझे लगता है कि सेंसर बोर्ड भंग कर देना चाहिए। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमंत्री को इसे देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मप्र सरकार को फिल्म पर रोक लगानी चाहिए। ये फिल्म रिलीज नहीं होनी चाहिए।
बता दें कि गांधी-गोडसे एक युद्ध’ का ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उबाल है।
फिल्म की कहानी भारत को मिली आजादी के इर्द-गिर्द घूमती है। मेकर्स ने इस फिल्म के जरिए नाथूराम गोडसे का पक्ष भी रखने की कोशिश की है। संतोषी ने कहा कि इस फिल्म का विचार हमारे दोस्त असगर वजाहत के प्ले ‘गोडसे@ गांधी डॉट कॉम’ से आया। हालांकि वो प्ले बहुत ज्यादा स्टेज पर नहीं हुआ। मुझे व्यक्तिगत लगा कि गोडसे का पक्ष पूरी तरह लोगों के सामने नहीं आ पाया है। गोडसे को फांसी दी गई, पर गोडसे को गांधी जी की हत्या का कदम उठाने पर क्यों मजबूर होना पड़ा?