बागेश्वर धाम बाबा के समर्थन में संत समाज और हिंदू संगठन से जुड़े लोग खुलकर सामने आ रहे हैं। बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय और कपिल मिश्रा समेत कई बीजेपी नेता भी बाबा बागेश्वर के समर्थन में आवाज बुलंद कर रहे हैं। उधर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर और योग गुरु रामदेव भी बाबा बागेश्वर धाम के समर्थन में कूद पड़े हैं। सोशल मीडिया में भी बाबा के समर्थन में लोग ट्वीट और पोस्ट कर रहे हैं। यूजर्स का कहना है ‘बाबा ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए कदम क्या उठाए कि उन पर अन्य धर्मों के लोगों की ओर से हमला शुरू कर दिया गया है। बाबा पर अंधविश्वास और जादू-टोना करने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है।
जिन धर्मों में सच में जादू-टोना हो रहा है, वह किसी को नहीं दिखाई दे रहा है।’ बाबा बागेश्वर धाम के समर्थन में आज दिल्ली के जंतर-मंतर में रैली का आयोजन किया जाएगा।धीरेंद्र शास्त्री से जब एक न्यूज चैनल इंटरव्यू में पूछा गया कि आप में और मौलवी में क्या फर्क है? मौलवी भी तो झाड़ फूंक करते हैं। इस सवाल के जवाब में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि ‘हम लोगों का शोषण नहीं करते, लोगों का हलाला नहीं करते, हम दंगा नहीं करते।’ उन्होंने कहा कि वह खुद से कैंसर ठीक करने और भूत-प्रेत हटाने का दावा नहीं करते, जो कुछ भी होता है वह बालाजी की कृपा से होता है। उन्होंने कुछ धर्मों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हम किसी तरह का कोई पैसा नहीं कमा रहे हैं, हम उन हिंदू लोगों की घर वापसी करा रहे हैं, जो दूसरे धर्म में चले गए हैं।
हम उन्हें बताना चाहते हैैं कि हिंदू धर्म के मंत्रों में भी बहुत ताकत है।’क्या है मामला बागेश्वर धाम सरकार पं. धीरेंद्र शास्त्री की कथा के दौरान लोगों की समस्याएं सुनने और उसका समाधान करने का दावा किया जाता है। कहा जाता है कि भूत, प्रेत से लेकर बीमारी तक का इलाज बाबा की कथा में होता है। बाबा के समर्थक दावा करते हैं कि बागेश्वर धाम सरकार इंसान को देखते ही उसकी हर तरह की परेशानी जान लेते हैं और उसका समाधान करते हैं। वहीं, बागेश्वर धाम सरकार का कहना है कि वह लोगों की अर्जियां भगवान (बालाजी हनुमान) तक पहुंचाने का जरिया मात्र हैं। जिन्हें भगवान सुनकर समाधान देते हैं। इन्हीं दावों को नगापुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने चुनौती दी। यहीं से विवाद की शुरुआत हुई। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा ये कहना बंद होना चाहिए कि विश्वास और अंधविश्वास क्या है. उन्होंने कहा कि भारत में चादर चढ़ाना श्रद्धा है लेकिन अर्जी का नारियल बांधना अंधविश्वास है. भारत में कैंडल जलाना श्रद्धा है लेकिन बागेश्वर धाम की अर्जी लगाना अंधविश्वास है.
बागेश्वर धाम इतिहास
छतरपुर के पास एक जगह है गढ़ा। यहीं पर बागेश्वर धाम है। यहां बालाजी हनुमान जी का मंदिर है। हर मंगलवार को बालाजी हनुमान जी के दर्शन को भारी भीड़ उमड़ती है। धीरे-धीरे इस दरबार को लोग बागेश्वर धाम सरकार के नाम से पुकारने लगे। ये मंदिर सैकड़ों साल पुराना बताया जाता है।1986 में इस मंदिर का रेनोवेशन कराया गया था। 1987 के आसपास यहां एक संत बब्बा जी सेतु लाल जी महाराज आए। इनको भगवान दास जी महाराज के नाम से भी जाना जाता था। धाम के मौजूदा प्रमुख पं. धीरेंद्र शास्त्री भगवान दास जी महाराज के ही पौत्र हैं।इसके बाद 1989 के समय बाबा जी द्वारा बागेश्वर धाम में एक विशाल महायज्ञ का आयोजन किया गया। 2012 में बागेश्वर धाम की सिद्ध पीठ पर श्रद्धालुओं की समस्याओं के निवारण के लिए दरबार का शुभारंभ हुआ। इसके बाद धीरे-धीरे बागेश्वर धाम के भक्त इस दरबार से जुड़ने लगे। दावा होता है कि यहां आने वाले लोगों की समस्याओं का निवारण किया जाता है।