हाईकोर्ट में जज के लिए पांच वकीलों के नाम दोहराने और उनके बारे में आईबी-रॉ की रिपोर्ट का खुलासा करने के बाद सरकार और कॉलेजियम के बीच खींचतान बढ़ गई है। ये वे नाम हैं जिन्हें सरकार ने आपत्तियां जताते हुए वापस भेज दिया था। इनमें एक वकील सौरभ किरपाल का नाम पांच साल पुराना है।बंबई हाईकोर्ट के एस सुंदरसन, मद्रास हाईकोर्ट के आर जॉन सथ्यन और कोलकाता हाईकोर्ट के अमितेष बनर्जी और शक्य सेन के नाम भी कॉलेजियम ने दोबारा भेजे हैं। सरकार का कहना है कि जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रशासनिक है। यह कोर्ट का आदेश नहीं है, जिसके विरुद्ध कुछ नहीं कहा जा सकता। सरकार का इशारा यह है कि नाम दोहराने भर से वह उन्हें मंजूर करने के लिए बाध्य नहीं है।














